Pongal 2024: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति को बड़े उत्साह के साथ मनाने की परंपरा चली आ रही है. दक्षिण भारत में मकर संक्रांति के दिन पोंगल का पर्व मनाया जाता है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में राज्य मंत्री एल मुरुगन के आवास पर पहुंचे और यहां पोंगल समारोह में हिस्सा लिया. पुडुचेरी की उपराज्यपाल और तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन भी वहां मौजूद थे. इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि पोंगल पर्व की मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं. हर त्योहार गांव और किसान से जुड़ा हुआ है. सुख समृद्धि का प्रवाह होता रहे यही मेरी कामना है.
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi takes part in the #Pongal celebrations at the residence of MoS L Murugan in Delhi.
Puducherry Lt Governor and Telangana Governor Tamilisai Soundararajan also present here. pic.twitter.com/rmXtsKG0Vw
— ANI (@ANI) January 14, 2024
पीएम मोदी का वीडियो आया सामने
न्यूज एजेंसी एएनआई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में वे कुछ अलग ही लुक में नजर आ रहे हैं. परंपरिक वेशभूषा में पीएम मोदी राज्य मंत्री एल मुरुगन के आवास पर पहुंचे और वहां पूजा में भाग लिया. चूल्हे पर एक घड़ेनुमा बरतन में वे कुछ डालते वीडियो में नजर आ रहे हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री ने गाय की पूजा की और कुछ खिलाया…उनके साउथ इंडियन पहनावे की सोशल मीडिया यूजर जमकर तारीफ कर रहे हैं.
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इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पोंगल के दिन तमिलनाडु के हर घर से पोंगल धारा का प्रवाह होता है. मेरी कामना है कि उसी तरह आपके जीवन में भी सुख, समृद्धि और संतोष की धारा का प्रवाह निरंतर होता रहे. उन्होंने कहा कि लाल किले से मैंने जिस पंच प्राण का आह्वान किया उसका प्रमुख तत्व देश की एकता को ऊर्जा देना, इसे मज़बूत करना है. पोंगल के इस पावन पर्व पर हमें देश की एकता को सशक्त करने का संकल्प दोहराना है.
पोंगल क्यों मनाया जाता है
पोंगल की बात करें तो इस दिन से ही तमिल नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है. चार दिवसीय यह पर्व रोजाना अलग-अलग भगवानों की पूजा के लिए समर्पित होता है. उत्तर भारतीय राज्यों में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने की घटना को मकर संक्रांति और लोहड़ी के रूप में लोग मनाते हैं, तो वहीं दक्षिण भारत में सूर्य के उत्तरायण होने पर पोंगल का उत्सव मनाने की परंपरा चली आ रही है. मकर संक्रांति और लोहड़ी की तरह पोंगल का पर्व भी फसल काटने के बाद भगवान के प्रति आभार प्रकट करने के लिए लोग मनाते हैं.