वीर जवानों के बीच PM मोदी ने मनायी दिवाली, चीन को दी चेतावनी- ‘भारत को आजमाया तो प्रचंड जवाब मिलेगा’

लौंगेवाला (राजस्थान) : दिवाली (Deepawali) पर जवानों के साथ समय बिताने के अपने अभियान को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को राजस्थान की लौंगेवाला चौकी पर जवानों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अगर भारत को आजमाया गया तो ‘प्रचंड जवाब' मिलेगा. चीन पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए मोदी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि आज पूरा विश्व ‘विस्तारवादी' ताकतों से परेशान हैं. विस्तारवाद, एक तरह से ‘मानसिक विकृति' है और 18वीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2020 1:35 PM
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लौंगेवाला (राजस्थान) : दिवाली (Deepawali) पर जवानों के साथ समय बिताने के अपने अभियान को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को राजस्थान की लौंगेवाला चौकी पर जवानों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अगर भारत को आजमाया गया तो ‘प्रचंड जवाब’ मिलेगा. चीन पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए मोदी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि आज पूरा विश्व ‘विस्तारवादी’ ताकतों से परेशान हैं. विस्तारवाद, एक तरह से ‘मानसिक विकृति’ है और 18वीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है.

उन्होंने कहा, ‘भारत दूसरों को समझने और उनके साथ आपसी समझ बनाने की नीति में विश्वास करता है लेकिन अगर उसे आजमाने की कोशिश की जाती है, तो इसका प्रचंड जवाब दिया जायेगा.’ उनका यह संदेश लद्दाख सीमा पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच आया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत हमारे वीर जवानों को देश की सीमा की सुरक्षा करने से रोक नहीं सकती है.

उन्होंने कहा कि भारत ने दिखाया है कि उसे चुनौती देने वालों को करारा जवाब देने के लिए उसमें ताकत और राजनीतिक इच्छाशक्ति है. उन्होंने कहा, ‘आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि यह देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है.’ मोदी ने जवानों से कहा, ‘जितना अधिक समय मैं आपके साथ बिताता हूं, देश की सेवा और रक्षा करने का मेरा संकल्प उतना मजबूत होता है.’

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मोदी ने ट्वीट किया, ‘इस दीपावली हम सभी एक दीया उन सैनिकों के सम्मान में जलाएं जो निडर होकर देश की रक्षा करते हैं. सैनिकों की अनुकरणीय बहादुरी के लिए उनके प्रति शब्दों से कृतज्ञता ज्ञापित करने की भावना न्याय नहीं कर सकती. हम सीमाओं पर डटे सैनिकों के परिवार वालों के प्रति भी कृतज्ञ हैं.’

उन्होंने जवानों से कहा, ‘आज के दिन मैं आपसे तीन आग्रह करना चाहता हूं. पहला कुछ न कुछ नवीन (इनोवेट) करने की आदत को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाइए. दूसरा योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाए रखिए. तीसरा अपनी मातृभाषा, हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, कम से कम एक भाषा जरूर सीखिए. आप देखिएगा, ये बातें आपमें एक नयी ऊर्जा का संचार करेंगी.’

इस मौके पर उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी के पराक्रम को सलाम किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ 1971 का युद्ध थल सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच अनुकरणीय समन्वय का उदाहरण था.

भाषा इनपुट के साथ

Posted By: Amlesh Nandan.

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