नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (Food And Agriculture Organization) की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुक्रवार को 75 रुपये का स्मृति सिक्का जारी किया. साथ ही उन्होंने हाल ही में विकसित की गई आठ फसलों की 17 जैव संवर्धित किस्मों को भी राष्ट्र को समर्पित किया. इस अवसर पर मोदी ने कहा कि World Food Day के अवसर पर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं.
पीएम मोदी ने कहा कि दुनियाभर में जो लोग कुपोषण को दूर करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं, मैं उन्हें भी बधाई देता हूं. इन सभी के प्रयासों से ही भारत कोरोना के इस संकटकाल में भी कुपोषण के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि भारत के हमारे किसान साथी- हमारे अन्नदाता, हमारे कृषि वैज्ञानिक, हमारे आंगनबाड़ी-आशा कार्यकर्ता, कुपोषण के खिलाफ आंदोलन का आधार हैं.
मोदी ने कहा कि इन्होंने अपने परिश्रम से जहां भारत का अन्न भंडार भर रखा है, वहीं दूर-सुदूर, गरीब से गरीब तक पहुंचने में ये सरकार की मदद भी कर रहे हैं. FAO के World Food Program को इस वर्ष का नोबल शांति पुरस्कार मिलना भी एक बड़ी उपलब्धि है. और भारत को खुशी है कि इसमें भी हमारी साझेदारी और हमारा जुड़ाव ऐतिहासिक रहा है. 2014 के बाद देश में नए सिरे से प्रयास शुरू किए गए.
हम एकीकृत दृष्टिकोण लेकर आगे बढ़े, होलिस्टिक अप्रोच लेकर आगे बढ़े. तमाम Silos को समाप्त करके हमने एक Multi-Dimensional रणनीति पर काम शुरू किया. कुपोषण से निपटने के लिए एक और महत्वपूर्ण दिशा में काम हो रहा है. अब देश में ऐसी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसमें पौष्टिक पदार्थ- जैसे प्रोटीन, आयरन, जिंक इत्यादि ज्यादा होते हैं. मैं आज FAO को विशेष धन्यवाद देता हूं कि उसने वर्ष 2023 को International Year of Millets घोषित करने के भारत के प्रस्ताव को पूरा समर्थन दिया है.
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उन्होंने कहा कि भारत में पोषण अभियान को ताकत देने वाला एक और अहम कदम आज उठाया गया है. आज गेहूं और धान सहित अनेक फसलों के 17 नए बीजों की वैरायटी, देश के किसानों को उपलब्ध कराई जा रही हैं. इस दौरान भारत ने करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए का खाद्यान्न गरीबों को मुफ्त बांटा है. बीते कुछ महीनों में पूरे विश्व में कोरोना संकट के दौरान भुखमरी-कुपोषण को लेकर अनेक तरह की चर्चाएं हो रही हैं. बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स अपनी चिंताएं जता रहे हैं कि क्या होगा, कैसे होगा? इन चिंताओं के बीच, भारत पिछले 7-8 महीनों से लगभग 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रहा है.
मोदी ने कहा कि खेती और किसान को सशक्त करने से लेकर भारत के पीडीएस (Public Distribution System) तक में एक के बाद एक सुधार किए जा रहे हैं. क्या आप जानते हैं कि कोरोना के कारण जहां पूरी दुनिया संघर्ष कर रही है, वहीं भारत के किसानों ने इस बार पिछले साल के प्रोडक्शन के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया? क्या आप जानते हैं कि सरकार ने गेहूं, धान और दालें सभी प्रकार के खाद्यान्न की खरीद के अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों को लागत का डेढ़ गुणा दाम MSP के रूप में मिले, इसके लिए अनेक कदम उठाए गए हैं. MSP और सरकारी खरीद, देश की फूड सिक्योरिटी का अहम हिस्सा हैं. इसलिए इनका जारी रहना स्वभाविक है. छोटे किसानों को ताकत देने के लिए, Farmer Producer Organizations यानि FPOs का एक बड़ा नेटवर्क देश में तैयार किया जा रहा है. भारत में अनाज की बर्बादी हमेशा से बहुत बड़ी समस्या रही है. अब जब Essential Commodities Act में संशोधन किया गया है, इससे स्थितियां बदलेंगी.
एफएओ का कार्य पोषण का स्तर उठाना, ग्रामीण जनसंख्या का जीवन बेहतर करना और विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि में योगदान करना है. एफएओ के साथ भारत का ऐतिहासिक संबंध रहा है. भारत के प्रशासनिक सेवा अधिकारी बिनय रंजन सेन ने एफओए के महानिदेशक के रूप में 1956 से 1967 तक काम किया था. उनके कार्यकाल के दौरान ही विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) की स्थापना की गई थी. डब्ल्यूएफपी ने ही वर्ष 2020 का नोबेल शांति पुरस्कार जीता है. वैश्विक स्तर पर भूख से लड़ऩे और खाद्य सुरक्षा के प्रयासों के लिए संयुक्त राष्ट्र के इस कार्यक्रम को यह सम्मान देने की हाल ही में घोषणा की गई है.
Posted By: Amlesh Nandan.