‘राष्ट्र के नाम संदेश’ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सात बड़ी बातें
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर राष्ट्र के नाम संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कोरोना संकट को लेकर जनता कर्फ्यू से शुरू हुई लड़ाई से अब तक के सफर पर प्रकाश डाला. साथ ही त्योहारों के मौसम में बाजार में लौट रही रौनक की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज स्थिति संभली हुई है, लेकिन इसे बिगड़ने नहीं देना है.
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर राष्ट्र के नाम संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कोरोना संकट को लेकर जनता कर्फ्यू से शुरू हुई लड़ाई से अब तक के सफर पर प्रकाश डाला. साथ ही त्योहारों के मौसम में बाजार में लौट रही रौनक की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज स्थिति संभली हुई है, लेकिन इसे बिगड़ने नहीं देना है.
”राष्ट्र के नाम संबोधन” में पीएम नरेंद्र मोदी की बड़ी बातें
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समय के साथ आर्थिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं. अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं. त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है, लेकिन हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है. बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है.
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”सेवा परमो धर्म:” के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मी इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं. इन सभी प्रयासों के बीच, ये समय लापरवाह होने का नहीं है. ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया, या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है.
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जब तक सफलता पूरी ना मिल जाए, लापरवाही नहीं करनी चाहिए. जब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती, हमें कोरोना से अपनी लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देना है. अनेक देशों के साथ हमारे देश के वैज्ञानिक भी वैक्सीन के लिए जी-जान से जुटे हैं. भारत में अभी कोरोना की कई वैक्सीन्स पर काम चल रहा है. इनमें से कुछ एडवान्स स्टेज पर हैं.
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कोरोना की वैक्सीन जब भी आयेगी, वो जल्द-से-जल्द प्रत्येक भारतीय तक कैसे पहुंचे, इसके लिए भी सरकार की तैयारी जारी है. एक-एक नागरिक तक वैक्सीन पहुंचे, इसके लिए तेजी से काम हो रहा है. याद रखिए, जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं.
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एक कठिन समय से निकलकर हम आगे बढ़ रहे हैं. थोड़ी-सी लापरवाही हमारी गति को रोक सकती है. हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है. जीवन की जिम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता ये दोनो साथ-साथ चलेंगे, तभी जीवन में खुशियां बनी रहेंगी. दो गज की दूरी, समय-समय पर साबुन से हाथ धुलना और मास्क का ध्यान रखिए.
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कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है. ये ठीक नहीं है. अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आप को, अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं.
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मीडिया और सोशल मीडिया के साथियों से अपील की कि आप जागरूकता लाने के लिए इन नियमों का पालन करने के लिए जितना जन-जागरण अभियान करेंगे, ये आपकी तरफ से देश की बहुत बड़ी सेवा होगी.