अफगान मामले पर पीएम मोदी ने कहा- संकट की घड़ी में हमारा प्रयास जारी, गुरु की कृपा हमारे सिर पर
प्रधानमंत्री ने जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया. इस अवसर पर पीएम ने कहा, आज दुनियाभर में कहीं भी कोई भारतीय अगर संकट से घिरता है, तो भारत पूरे सामर्थ्य से उसकी मदद के लिए खड़ा हो जाता है. कोरोना संकट हो या फिर अफगान का संकट, दुनिया ने इसे निरंतर अनुभव किया है.
PM Narendra Modi News प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया. इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज दुनियाभर में कहीं भी कोई भारतीय अगर संकट से घिरता है, तो भारत पूरे सामर्थ्य से उसकी मदद के लिए खड़ा हो जाता है. कोरोना संकट हो या फिर अफगानिस्तान का संकट, दुनिया ने इसे निरंतर अनुभव किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत अफगानिस्तान से सैकड़ों साथियों को भारत लाया जा रहा है. हम भारत में भी गुरु ग्रंथ साहिबों को उसके उचित सम्मान के साथ लाए हैं. संकट की इस घड़ी में और बेहतर करने का हमारा प्रयास जारी है. गुरु की कृपा हमारे सिर पर बनी रहे.
Under Operation Devi Shakti, a lot of people are being evacuated from Afghanistan. We have brought the Guru Granth Sahibs to India as well with its due respect.
— BJP (@BJP4India) August 28, 2021
– PM @narendramodi #JallianwalaBaghSmarak pic.twitter.com/0ZAkILqB98
पीएम मोदी ने कहा कि पंजाब में तो शायद ही ऐसा कोई गांव, ऐसी कोई गली है जहां शौर्य और शूरवीरता की गाथा न गाता हो. उन्होंने कहा कि गुरुओं के बताए हुए रास्ते पर चलते हुए पंजाब के बेटे-बेटियां मां भारती की तरफ टेढ़ी नजर रखने वालों के सामने चट्टान बनकर खड़े हो जाते हैं.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के राष्ट्र नायकों से जुड़े स्थानों को आज संरक्षित करने के साथ ही वहां नए आयाम भी जोड़े जा रहे हैं. जलियांवाला बाग की तरह आजादी से जुड़े दूसरे राष्ट्रीय स्मारकों का भी नवीनीकरण जारी है. प्रधानमंत्री ने कहा, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस आने वाली पीढ़ियों को भी याद दिलाएगी कि कितनी बड़ी कीमत चुकाकर हमें स्वतंत्रता मिली है. वो उस दर्द और तकलीफ को भी समझ सकेंगे जो विभाजन के समय करोड़ों भारतीयों ने सही थी. किसी भी देश के लिए अपने अतीत की ऐसी विभीषिकाओं को नजरअंदाज करना सही नहीं है. इसलिए भारत ने 14 अगस्त को हर साल ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है.
पीएम ने कहा, जलियांवाला बाग जैसी ही एक और विभीषिका हमने भारत विभाजन के समय भी देखी. पंजाब के परिश्रमी और जिंदादिल लोग तो विभाजन के बहुत बड़े भुक्तभोगी रहे हैं. विभाजन के समय जो कुछ भी हुआ, उसकी पीड़ा आज भी हिंदुस्तान के हर कोने में और विशेषकर पंजाब के परिवारों में हम अनुभव करते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जलियांवाला बाग वो स्थान है, जिसने सरदार उधम सिंह, सरदार भगत सिंह जैसे अनगिनत क्रांतिवीरों, बलिदानियों, सेनानियों को हिंदुस्तान की आजादी के लिए मर-मिटने का हौसला दिया. वो शहीद कुआं, जहां अनगिनत माताओं-बहनों की ममता छीन ली गई, उनका जीवन छीन लिया गया. उनके संपनों को रौंदा गया. उन सभी को आज हम याद कर रहे हैं. पीएम ने कहा, जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी को मेरा अनेक-अनेक प्रणाम. वो मासूम बालक-बालिकाएं, वो बहनें, वो भाई, जिनके सपने आज भी जलियांवाला बाग की दीवारों में अंकित गोलियों के निशान में दिखते हैं.
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