नयी दिल्ली: सुरक्षा में चूक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को अपना पंजाब का दौरा रद्द करना पड़ा. सुरक्षा कारणों से पीएम का पंजाब दौरा रद्द (PM Modi Visit to Punjab Today) हुआ, तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने पंजाब सरकार को घेरा ही, पंजाब कांग्रेस के सीनियर लीडर सुनील जाखड़ (Punjab Congress leader Sunil Jakhar) ने भी चरणजीत सिंह चन्नी सरकार को निशाने पर लिया. हालांकि, पंजाब के मंत्री ने सुरक्षा में किसी चूक से इंकार किया, लेकिन पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर राजनीति गरमा गयी है.
सुनील जाखड़ ने कहा कि जो कुछ भी पंजाब में हुआ है, वह स्वीकार्य नहीं है. यह पंजाबियत के खिलाफ है. भारत के प्रधानमंत्री को रैली स्थल तक पहुंचने के लिए सुरक्षित रास्ता दिया जाना चाहिए था. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए था कि भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिक रैली को संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री फिरोजपुर पहुंचते. यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है. लोकतंत्र ऐसे ही काम करता है.
"What has happened today is just not acceptable. It's against Panjabiyat. A secure passage for the Prime Minister of India to address BJP's political rally in Ferozpur should have been ensured. That’s how democracy works," tweets Punjab Congress leader Sunil Jakhar
(file photo) pic.twitter.com/yVHyclv7Td
— ANI (@ANI) January 5, 2022
सुनील जाखड़ ने सरकार को खरी-खोटी सुनायी, तो पंजाब के मंत्री राजकुमार वरक (Rajkumar Verka) ने सुरक्षा में चूक की खबरों को खारिज कर दिया. कहा कि प्रधानमंत्री की पंजाब यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा में कोई कमी नहीं थी. सुरक्षा में चूक के आरोप आधारहीन हैं. राजकुमार वरक ने कहा कि असल में बीजेपी की रैली फ्लॉप हो गयी. जब पीएम को इसका पता चला, तो उन्होंने बीच रास्ते से लौटने का फैसला किया.
There were no shortcomings in the security arrangements during the PM's visit to Punjab today. The accusations of a security breach are baseless. The truth is that BJP's rally was a flop show. When PM got to know this, he decided to return: Punjab minister Rajkumar Verka pic.twitter.com/VqSYEhs39k
— ANI (@ANI) January 5, 2022
पंजाब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा (Ashwani Sharma) ने पंजाब की कांग्रेस सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनायी. कहा कि अगर वे (कांग्रेस) लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकते और विधि-व्यवस्था बनाये रखने की उनमें क्षमता नहीं है, तो उन्हें सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि हम उन बसों के वीडियो जारी करेंगे, जिसमें बैठकर लोग बीजेपी की रैली में शामिल होने के लिए जा रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पंजाब को कुछ देने ही तो आ रहे थे. लेकिन, राज्य सरकार उन्हें सुरक्षा देने में नाकाम रही. इस सरकार को अब जाना चाहिए.
Ferozepur| If they (Congress) can't save democracy & maintain law & order in state, they've no right to be in power. We'll release videos of buses carrying people to join rally tommorrow (on allegations that there was poor turnout at BJP rally):BJP Punjab president Ashwani Sharma pic.twitter.com/2RDxjVoXMr
— ANI (@ANI) January 5, 2022
असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्व सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) ने कहा है कि यह शर्म की बात है कि पंजाब के लोगों के कल्याण के लिए विकास योजनाओं की शुरुआत करने जा रहे प्रधानमंत्री मोदी के कावलकैड को प्रदर्शानकारियों ने बीच रास्ते में रोक दिया. यह सुरक्षा में चूक का बेहद गंभीर मामला है. मामला तब और गंभीर हो गया, जब पंजाब के मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को हल करने की कोशिश तक नहीं की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विकास नहीं चाहती, वह सिर्फ राजनीति करना चाहती है.
It's a matter of shame that PM Modi's cavalcade was stopped by protesters on his way to launch development schemes for welfare of Punjab. This is a serious security lapse & the fact that the Punjab CM didn't address the issue makes matters even worse: Assam CM Himanta Biswa Sarma pic.twitter.com/LONRveQUOx
— ANI (@ANI) January 5, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब के फिरोजपुर में बुधवार को होने वाली रैली को स्थगित किये जाने की जानकारी सबसे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने दी. प्रधानमंत्री मोदी आज पंजाब में थे और उन्हें फिरोजपुर में कई विकास कार्यों का शिलान्यास करने के बाद एक रैली को संबोधित करना था. वह सड़क मार्ग से जाते समय एक फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट के लिए फंस गये, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ते को अवरुद्ध कर दिया.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में ‘गंभीर चूक’ करार दिया है. गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान गंभीर सुरक्षा खामी के बाद उनके काफिले ने लौटने का फैसला किया. मंत्रालय ने पंजाब सरकार से इस चूक के लिए जवाबदेही तय करने और कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है. जिस वक्त यह घटना हुई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बठिंडा से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक की ओर जा रहे थे.
पंजाब में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं: कैप्टन अमरिंदर सिंह
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि पंजाब में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है. यह विधि-व्यवस्था की विफलता है. खासकर पंजाब के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की. कैप्टन सिंह ने कहा कि अगर पाकिस्तान की सीमा से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर अपने देश के प्रधानमंत्री के लिए सुरक्षित रास्ता तैयार नहीं कर सकते, तो आपको शासन चलाने का कोई अधिकार नहीं है. आपको तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए.
Complete failure of law & order in Punjab, CM & HM Punjab, in particular. When you can't provide smooth passage to PM of the country and that too just 10km from the Pakistan border, you have no right to stay in office and should quit!: Former Punjab CM Capt Amarinder Singh pic.twitter.com/CmSEuKw8jq
— ANI (@ANI) January 5, 2022
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने भी पंजाब की कांग्रेस सरकार पर हमला बोला. कहा कि देश के इतिहास में इसके पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि एक सरकार ने जान-बूझकर ऐसी परिस्थितियां तैयार की, जिसमें प्रधानमंत्री को नुकसान हो सकता था. हमें मालूम है कि कांग्रेस को मोदी से नफरत है, लेकिन आज उन्होंने (कांग्रेस ने) भारत के प्रधानमंत्री को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. स्मृति ईरानी ने कहा कि कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. पुलिस महानिदेशक कह रहे हैं कि वह प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां प्रधानमंत्री कार्यालय को नहीं दे सकते. कांग्रेस को इसका जवाब देना होगा.
Such is the breakdown in law & order in Punjab that the DGP claims he is incapable of providing support PMO & PM security detail. The Congress must give an answer: Union Minister & BJP leader Smriti Irani pic.twitter.com/Kawnrn26e3
— ANI (@ANI) January 5, 2022
कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के लिए सुरक्षा के पूरे प्रबंध किये गये थे, लेकिन भीड़ नहीं होने की वजह से उनकी रैली रद्द की गयी. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा पर पलटवार करते हुए यह भी कहा कि आरोप-प्रत्यारोप करने की बजाय भाजपा और प्रधानमंत्री को अपने ‘किसान विरोधी रुख’ पर आत्ममंथन करना चाहिए. साथ ही, उन्होंने दावा किया कि सड़क मार्ग का उपयोग करना प्रधानमंत्री के पहले से तय कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पंजाब की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया. आरोप लगाया कि आगामी विधानसभा चुनाव में हार के डर से उसने प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को विफल करने की हरसंभव कोशिश की. नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट करके में कहा कि प्रधानमंत्री पंजाब में जिस कार्यक्रम में हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की शुरुआत करने वाले थे, उसमें व्यवधान डाला गया. लेकिन हम इस छोटी मानसिकता के चलते पंजाब के विकास को अवरुद्ध नहीं होने देंगे. पंजाब के विकास का हमारा प्रयास जारी रहेगा.
नड्डा ने कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक हुई. प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री के रास्ते में आने दिया गया, जबकि राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ने एसपीजी को आश्वासन दिया था कि रास्ता साफ है. मामला तब और गंभीर हो जाता है, जब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी फोन पर बात करने या मामले का समाधान करने को भी तैयार नहीं हुए. पंजाब की सरकार का यह रवैया लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास करने वाले सभी लोगों को टीस देने वाला है.
विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह पहला पंजाब दौरा था. इन कानूनों के खिलाफ किसानों ने लगभग एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किये थे. प्रधानमंत्री फिरोजपुर में चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) के उपग्रह केंद्र और दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे सहित 42,750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करने वाले थे.
इनमें अमृतसर-ऊना खंड को चार लेन में परिवर्तित करना, मुकेरियां-तलवाड़ा रेल लाइन का आमान परिवर्तन और कपूरथला एवं होशियारपुर में दो नये चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना संबंधी परियोजनाएं भी शामिल थीं. कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री एक रैली को भी संबोधित करने वाले थे.
Posted By: Mithilesh Jha