प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक, कांग्रेस की साजिश, लेकिन खूनी इरादे नाकाम रहे, भाजपा ने किया तीखा हमला

भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब सरकार और कांग्रेस पर करारा हमला बोला और इस घटना को साजिश दिया है और कहा है कि कांग्रेस के खूनी इरादे नाकाम रहे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2022 11:03 PM

पंजाब में प्रधानमंत्री Narendra Modi की सुरक्षा में हुई चूक के बाद उनका फिरोजपुर दौरा स्थगित कर दिया गया. इस सुरक्षा चूक पर गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से सुरक्षा में चूक पर जिम्मेदारी तय करने को कहा और काफी सख्त प्रतिक्रिया दी है.

इधर भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब सरकार और कांग्रेस पर करारा हमला बोला और इस घटना को साजिश दिया है और कहा है कि कांग्रेस के खूनी इरादे नाकाम रहे. यह घटना उस वक्त हुई जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया जहां से प्रधानमंत्री को गुजरना था और इस कारण वह एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे.

अंतत: प्रधानमंत्री को वापस लौटना पड़ा और बठिंडा हवाई अड्डे पर उन्होंने अधिकारियों से कहा-अपने सीएम को धन्यवाद कहना कि मैं एयरपोर्ट तक जिंदा वापस आ गया. हालांकि इस घटना पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने खेद जताया और कहा है कि पीएम मोदी की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है. वे मामले की जांच करायेंगे.

इस घटना पर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पंजाब सरकार से इस चूक के लिए एक रिपोर्ट मांगी है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई को कहा है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब में आज प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध पर राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. प्रधानमंत्री के दौरे में सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी. इस घटना के मद्देनजर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए शाह ने कहा कि पंजाब में आज की कांग्रेस-निर्मित घटना, एक ट्रेलर है कि यह पार्टी कैसे सोचती है और काम करती है.

उन्होंने कहा, जनता द्वारा लगातार खारिज किए जाने से वह (कांग्रेस) विक्षिप्तता की कगार पर पहुंच गयी है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली पंजाब की कांग्रेस सरकार से सवाल किया कि राज्य की पुलिस ने क्या जानबूझकर प्रधानमंत्री के सुरक्षा दस्ते को झूठा आश्वासन दिया, कैसे प्रदर्शनकारी उनके काफिले तक पहुंचे और जब सुरक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क साधने की कोशिश की तो क्यों कोई संवाद नहीं किया गया?

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