बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना कल यानी सोमवार को भारत पहुचेंगी. इससे पहले उन्होंने भारत और बांग्लादेश के रिश्ते समेत रोहिंग्या और अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा को लेकर बात की है. हसीना ने कहा कि भारत और बांग्लादेश करीबी पड़ोसी हैं. मैं हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ दोस्ती को महत्व देती हूं. वहीं, रोहिंग्या हमारे लिए एक बड़ा बोझ है, हम अंतरराष्ट्रीय समुदायों के बीच इसकी चर्चा कर रहे हैं.
#WATCH | On balancing relations with India-China, Bangladesh PM Sheikh Hasina says, "Our foreign policy is very clear – friendship to all, malice to none. If there's a problem, it's between China & India. I don't want to put my nose there. I want my country's development." pic.twitter.com/F5p1HFdD3H
— ANI (@ANI) September 4, 2022
समाचार एजेंसि एएनआई से बात करते हुए शेख हसीना ने कहा कि हमारे यहां सांप्रदायिक सौहार्द है. कभी-कभी, कुछ घटनाएं होती हैं, जिसे लेकर हम तुरंत कार्रवाई करते हैं. मेरी पार्टी के लोग इसे लेकर बहुत सचेत है. रोहिंग्या को लेकर उन्होंने कहा, हमारे लिए यह एक बड़ा बोझ है, हम अंतरराष्ट्रीय समुदायों और अपने पड़ोसी देशों के साथ परामर्श कर रहे हैं. जिससे रोहिंग्या घर वापस जा सकें. हम रोहिंग्या को आश्रय दे रहे हैं, सभी चीज उपलब्ध करा रहे हैं.
शेख हसीना ने कोरोना वैक्सिन को लेकर पीएम मोदी का धन्यवाद किया, उन्होंने कहा, भारत ने सिर्फ बांग्लादेश ही नहीं दूसरे दक्षिण एशियाई देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई है. उन्होने कहा, कोविड के दौरान रोहंगियाओं को वैक्सीन भी उपलब्ध कराई गई थी. लेकिन वे यहां कब तक रहेंगे? कुछ लोग ड्रग्स की तस्करी, महिला तस्करी में लिप्त हैं. वे जितनी जल्दी अपने घर वापस जाएं वो हमारे देश के लिए और म्यामांर के लिए अच्छा है.
प्रधानमंत्री हसीना ने कहा, हमारी विदेश नीति बहुत स्पष्ट है. सभी से मित्रता, किसी से भी द्वेष नहीं रखना. अगर चीन और भारत के बीच कोई समस्या है तो मैं उसमें नहीं पड़ना चाहती. मैं अपने देश का विकास चाहती हूं. उन्होने कहा, भारत हमारा पड़ोसी है. हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं. कुछ समस्याएं हैं लेकिन हमने ज्यादातर का समाधान किया है. मुझे लगता है कि हमें लड़ना नहीं चाहिए. यदि पड़ोसी देशों के बीच कोई समस्या है तो उसे द्विपक्षीय रूप से हल किया जा सकता है.
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भारत और बांग्लादेश करीबी पड़ोसी हैं. मैं हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ दोस्ती को महत्व देती हूं क्योंकि मुझे लगता है कि यह दोस्ती हमारे लोगों के लिए है. ये देखना हमारी प्राथमिकता है कि दोनों देशों के बीच व्यापार को कैसे बेहतर बनाया जाए. उन्होंने कहा, भारत हमारा विश्वसनीय साथी है. हम 1971 के युद्ध के दौरान भारत के योगदान को हमेशा याद करते हैं. 1975 में जब मैंने अपने परिवार के सभी सदस्यों को खो दिया था, तब तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री ने हमें भारत में आश्रय दिया था.