Modi In Parliament: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi in Parliament) ने सोमवार को लोकसभा (Lok Sabha) में विपक्षी दल कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. आरोप लगाया कि गरीबी मिटाने का नारा देकर लोगों को बरगलाया और कई दशकों तक देश पर शासन किया. लोगों को उनका झूठ समझ आ गया, तो उन्होंने इन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया. लॉकडाउन के दौरान लोगों को अपने-अपने राज्यों में जबरन भेजने और कोरोना को फैलाने का गंभीर आरोप भी पीएम मोदी ने कांग्रेस (Congress) पार्टी पर लगाया. संसद में पीएम मोदी के भाषण की खास बातें यहां पढ़ें-
राष्ट्र कोई सत्ता या सरकार की व्यवस्था नहीं है. हमारे लिए राष्ट्र एक जीवित आत्मा है. हजारों साल से देशवासी इससे जुड़े हुए हैं और जूझते रहे हैं. हमारे यहां विष्णु पुराण में कहा गया है कि समुद्र के उत्तर में और हिमालय के दक्षिण में जो देश है, उसे भारत कहते हैं. उनकी संतानों को भारतीय कहते हैं. विष्णु पुराण का ये श्लोक अगर कांग्रेस के लोगों को स्वीकार नहीं है, तो मैं एक और कोट का इस्तेमाल करूंगा, क्योंकि कुछ चीजों से आपको एलर्जी हो सकती है. पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू जी ने कहा था कि एक क्षण आता है, जब हम पुराने से बाहर निकलकर नये युग में कदम रखते हैं. जब एक युग समाप्त हो जाता है. जब एक देश की लंबे समय से दबी हुई आत्मा मुक्त होती है.
पीएम मोदी ने कहा कि संसद में तमिल सेंटिमेंट को आग लगाने की भारी कोशिश की गयी. राजनीति के लिए कांग्रेस की जो परंपरा अंग्रेजों से विरासत में आयी दिखती है- तोड़ो और राज करो. बांटो और राज करो. पीएम मोदी ने तमिल भाषा के महाकवि स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमण्यम भारती की कुछ लाइनें उद्धृत की- सम्मानित जो सकल विश्व में, महिमा जिनकी बहुत रही है, अमर ग्रंथ वे सभी हमारे, उपनिषदों का देश यही है, गायेंगे यदि हम सब इसका, यह है स्वर्णिम देश हमारा, यह है स्वर्णिम देश हमारा, आगे कौन जगत में हमसे, यह है भारत देश हमारा.
पीएम मोदी ने देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद तमिलनाडु के लोगों ने जिस तरह से सड़क पर घंटों खड़े होकर उनका सम्मान किया, उसके लिए तमिलनाडु के सभी नागरिकों को संसद से सैल्यूट किया. कहा कि जब सीडीएस रावत का हेलीकॉप्टर दक्षिण भारत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उनके पार्थिव देह को एयरपोर्ट ले जाया जा रहा था, तब लाखों तमिल भाई-बहनों ने गौरव के साथ हाथ ऊपर करके आंखों में आंसू लेकर ‘वीर वडक्कम’, ‘वीर वडक्कम’ कहा था. मैं उनको सलाम करता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के डीएनए में विभाजनकारी मानसिकता घुस गयी है. अंग्रेज चले गये, लेकिन बांटो-राज करो का चरित्र इनमें घुस गया. इसलिए कांग्रेस आज टुकड़े-टुकड़े गैंग की लीडर बन गयी है. जब ये लोग हमें लोकतांत्रिक रास्ते से हमें नहीं रोक पा रहे, तो सदन में हमें अमर्यादित आचरण से रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसमें भी उन्हें सफलता नहीं मिलेगी.
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सत्ता में आने की इच्छा खत्म हो चुकी है. इसलिए इन्होंने तय कर लिया है कि अब जब कुछ मिलने वाला नहीं है, तो कुछ बिगाड़ तो दो. इस फिलॉसफी पर निराशावादी कांग्रेस काम कर रही है. बर्बाद करके छोड़ेंगे, इस मोह में कांग्रेस अलगाव की जड़ों को मजबूत करने वाले बीज बो रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि सदन में ऐसी बातें हुईं, जिसमें देश के कुछ लोगों को उकसाने का भरपूर प्रयास किया गया. अगर पिछले 60 साल के दौरान कांग्रेस की हर गतिविधि को बारीकी से देखेंगे, उसके तार जोड़ेंगे, तो इनका गेम प्लान स्पष्ट हो जायेगा. आज मैं उसी का खुलासा कर रहा हूं. आपका गेम प्लान कोई भी हो, ऐसे बहुत से लोग आये और चले गये. लाखों कोशिशें की गयी. अपना स्वार्थ सिद्ध करने की. लेकिन, यह देश अजर-अमर है. इस देश को कुछ नहीं हो सकता.
इस तरह की कोशिश करने वालों को हमेशा कुछ न कुछ गंवाना पड़ा है. यह देश एक था, श्रेष्ठ था. यह देश एक है, श्रेष्ठ है. यह देश एक रहेगा और श्रेष्ठ रहेगा. यही हमारी भावना है. इसी भावना से हम आगे बढ़ रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां कहा गया है कि विद्या के लिए एक-एक पल महत्वपूर्ण होता है. संपत्ति, संसाधनों के लिए एक-एक कण जरूरी होता है. एक-एक क्षण बर्बाद करके ज्ञान हासिल नहीं किया जा सकता. एक-एक कण को बर्बाद किया गया या छोटे-छोटे संसाधनों का समुचित प्रयोग नहीं किया गया, तो संसाधन व्यर्थ हो जाते हैं. मैं कांग्रेस और उसके सहयोगियों से कहूंगा कि आप ये मंथन जरूर कीजिए कि कहीं आप इतिहास के इस महत्वपूर्ण अहम क्षण को नष्ट तो नहीं कर रहे.
पीएम मोदी ने कांग्रेस से कहा कि मुझे सुनाने के लिए, मेरी आलोचना करने के लिए, मेरे दल को कोसने के लिए बहुत कुछ है. आप हमारी आलोचना कर सकते हैं. आगे भी करते रहिए. मौकों की कमी नहीं है. लेकिन, आजादी के अमृतकाल का समय भारत की विकास यात्रा में सकारात्मक योगदान का समय है. मैं विपक्ष के और यहां बैठे सभी साथियों से और इस सदन के माध्यम से देशवासियों से भी आजादी के इस अमृत महोत्सव के पर्व पर आग्रह करता हूं, अपेक्षा करता हूं कि आओ, आजादी के इस अमृत महोत्सव को हम नये संकल्पों के साथ आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्पों के साथ एकजुट होकर लग जायें. कोशिश करें कि पिछले 75 सालों में जहां-जहां हम कम पड़े हैं, उन कमियों को दूर कर 2047 तक देश को विकसित बनाने का काम करें.
Posted By: Mithilesh Jha