पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभुकों को दोहरी खुशी! RBI ने किया ये फैसला, पढ़ें डिटेल
पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभुकों के लिए अच्छी खबर है. शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक बयान में कहा है कि पीएम विश्वकर्मा को भुगतान अवसंरचना विकास कोष (पीआईडीएफ) योजना के तहत शामिल करने का निर्णय किया गया है.
पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभुकों के लिए अच्छी खबर है. शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक बयान में कहा है कि पीएम विश्वकर्मा को भुगतान अवसंरचना विकास कोष (पीआईडीएफ) योजना के तहत शामिल करने का निर्णय किया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना को दो साल का विस्तार देने का निर्णय किया गया है. बता दें कि गवर्नर ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि अब PIDF योजना को दो साल की अवधि के लिए यानी 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ाने का प्रस्ताव है.
2021 में की गई थी PIDF योजना की शुरुआत
मीडिया एजेंसी पीटीआई की मानें तो इस योजना की शुरुआत जनवरी, 2021 में की गई थी. इस योजना का मकसद छोटे और कम आबादी वाले शहरी क्षेत्रों (टियर-3 से टियर-6), पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में बिक्री केंद्र (पीओएस), त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड जैसे भुगतान स्वीकार करने वाले बुनियादी ढांचे की पहुंच स्थापित करना है.
तीन साल के लिए लाया गया था पीआईडीएफ योजना
मूल योजना के तहत पीआईडीएफ योजना को दिसंबर, 2023 तक तीन साल के लिए लाया गया था. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि टियर-1 और टियर-2 क्षेत्रों में पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को अगस्त, 2021 में पीआईडीएफ योजना में शामिल किया गया. अगस्त, 2023 के अंत तक योजना के तहत 2.66 करोड़ से अधिक नए ‘टच पॉइंट’ तैनात किए गए हैं. गवर्नर दास ने कहा, ‘अब पीआईडीएफ योजना को दो साल के लिए यानी 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ाने का प्रस्ताव है. साथ ही पीआईडीएफ योजना के तहत सभी केंद्रों में पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों को शामिल करने का प्रस्ताव है.’
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पिछले महीने हुई पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत
शक्तिकांत दास ने कहा कि इन संशोधनों से जुड़ी तमाम जानकारी जल्द ही दे दी जाएगी. जानकारी ही कि पीएम मोदी ने पिछले महीने पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की थी. इसमें कारीगरों को दिए जाने वाले ऋण पर आठ प्रतिशत तक की सब्सिडी देने का प्रस्ताव है. यह योजना कारीगरों को पांच प्रतिशत की बेहद सस्ती ब्याज दर पर बिना किसी गारंटी के तीन लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करती है.
योजना के लाभार्थियों को निम्नलिखित लाभ दिए जाएंगे
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15,000 रुपये का टूलकिट
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1 लाख रुपये का ऋण 5% ब्याज दर पर
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पहला लोन चुकता करने पर दो लाख रुपये का दूसरा ऋण
योजना के लिए पात्रता निम्नलिखित है
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आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए.
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आवेदक किसी भी विश्वकर्मा समुदाय से संबंधित होना चाहिए.
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आवेदक की आयु 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
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आवेदक के पास मान्यता प्राप्त संस्थान से संबंधित कौशल प्रमाण पत्र होना चाहिए.
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योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से किया जा सकता है. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए, आवेदक को सूक्ष्म, लघु और मध्यम मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. ऑफलाइन आवेदन करने के लिए, आवेदक को संबंधित जिला उद्योग और उद्यम कार्यालय में आवेदन करना होगा.
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पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक शिल्प कौशल को बढ़ावा देना और भारत में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है. इस योजना से विश्वकर्मा समुदाय के लोगों को अपने कौशल को विकसित करने और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी.
यहां योजना के कुछ प्रमुख उद्देश्य दिए गए हैं
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पारंपरिक शिल्प कौशल को बढ़ावा देना
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भारत में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना
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विश्वकर्मा समुदाय के लोगों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना
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गुरु-शिष्य परंपरा को संरक्षण और विकास प्रदान करना
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पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जो पारंपरिक शिल्प कौशल को बढ़ावा देने और भारत में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.