PM Vishwakarma Yojana : ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना का लाभ मोदी सरकार किसे देगी? बुलाई गयी अहम बैठक
पीएम मोदी ने कहा था कि पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए 13,000 से 15,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ विश्वकर्मा योजना शुरू की जाएगी. बता दें कि भारत में हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा की जाती है. केंद्र सरकार पारंपरिक कौशल रखने वाले लोगों के लिए 17 सितंबर से विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करेगी.
PM Vishwakarma Yojana : केंद्र सरकार की एक योजना की चर्चा इन दिनों लोगों की जुबान पर ज्यादा है. जी हां…हम बात कर रहे हैं ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की…जिसको लागू करने के लिए सोमवार को राज्यों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई गयी है. आपको बता दें कि इस योजना का मकसद पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की मदद करना है और इसकी कुल राशि 13,000 करोड़ रुपये है.
यह योजना 17 सितंबर को पेश होगी और इसे तीन मंत्रालयों – एमएसएमई, कौशल विकास और वित्त मंत्रालय द्वारा लागू किया जाएगा. एक अधिकारी ने जानकारी दी कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में तीन लाख से अधिक लाभार्थियों को जोड़ने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि कौशल मंत्रालय ने 28 अगस्त को एक बैठक बुलाई है. इसमें राज्यों के प्रमुख सचिवों, बैंकों के प्रबंध निदेशकों और एसएलबीसी प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है.
ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा
आगे योजना के बारे में अधिकारी ने कहा कि बैठक में पीएम विश्वकर्मा योजना को लागू करने के मसौदे और योजना के लाभार्थियों की पहचान करने की प्रक्रिया पर चर्चा होगी. योजना के तहत कुशल कामगारों को उनका कौशल बढ़ाने के लिए 4-5 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके बाद वे लोन लेने में सक्षम होंगे. अधिकारी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में हमने तीन लाख लाभार्थियों को कर्ज देने का लक्ष्य रखा है. योजना के तहत विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान देने का काम किया जाएगा.
क्या कहा था पीएम मोदी ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अगले महीने से भारत में विश्वकर्मा योजना लागू करने का ऐलान किया था. इस योजना के लिए सरकार की ओर से करीब 13,000 से 15,000 रुपये आवंटित किये जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कई समुदायों को नई ताकत देने के लिए अगले महीने यानी सितंबर से विश्वकर्मा जयंती के मौके पर ‘विश्वकर्मा योजना’ आरंभ की जाएगी.
उत्तर प्रदेश में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना 2023 का क्या है उद्देश्य
आपको बता दें कि Vishwakarma Shram Samman Yojana की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के द्वारा राज्य के मजदूरों के विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए की गयी है. बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची जैसे मजदूर आर्थिक रूप से कमज़ोर होने के कारण अपने कारोबार को आगे नहीं बढ़ा पाते हैं. इसी समस्या को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को शुरू किया है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची जैसे पारंपरिक कारोबारियों तथा हस्तशिल्प की कला को प्रोत्साहित करना और आगे बढ़ाना है. प्रदेश में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के जरिये इन मजदूरों को 6 दिन कि फ्री ट्रेनिंग प्रदान की जाती है और स्थानीय दस्तकारों तथा पारंपरिक कारीगरों को छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए 10 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है.
यूपी में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना 2023 के दस्तावेज (पात्रता )
-आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
-आवेदक को आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
-आधार कार्ड
-पहचान पत्र
-निवास प्रमाण पत्र
-मोबाइल नंबर
-जाति प्रमाणपत्र
-बैंक अकाउंट पासबुक
-पासपोर्ट साइज फोटो