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‘पहले मणिपुर को शांत कीजिए’, केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के पीओके वाले बयान पर संजय राउत का तंज

जब वीके सिंह से पूछा गया कि लोगों ने मांग की है पीओके को भारत में विलय किया जाए...तो उन्होंने कहा कि पीओके अपने आप ही भारत में विलय हो जाएगा, कुछ समय इंतजार करें. जानें संजय राउत ने मामले पर क्या दी प्रतिक्रिया

केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने पाकिस्तान ऑक्युपाइड कश्मीर यानी PoK को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने दौसा में कहा कि कुछ समय बाद अपने आप ही पीओके भारत में आकर मिल जाएगा. आप कुछ समय इंतजार कीजिए. वीके सिंह ने सोमवार को बीजेपी की ‘परिवर्तन यात्रा’ के तहत दौसा में मीडिया से बात करते हुए उक्त बात कही.

वीके सिंह के बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रिया आ रही है. शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सांसद संजय राउत ने कहा कि हमने हमेशा PoK को अपना हिस्सा बताया है. जब पूर्व सेना प्रमुख अपने पद पर थे तब उनको अपने कार्यकाल में (पीओके को) लेने की कोशिश करनी चाहिए थी, अब आप कैसे ले सकते हैं? इससे पहले मणिपुर को शांत कीजिए. मणिपुर तक चीन घुस गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी जी कह रहे हैं कि लद्दाख में चीन ने 20,000 वर्ग किमी ज़मीन अपने कब्जे में ली है. अरुणाचल का हिस्सा चीन के नक्शे में दिखाया गया है. पहले यह अपने कब्जे में लीजिए.

क्या कहा वीके सिंह ने

केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने सोमवार को कहा कि जी20 सम्मेलन की भव्यता ने भारत को विश्व मंच पर अनूठी पहचान दिलाई है और भारत ने पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया है. पार्टी के बयान के अनुसार सिंह ने कहा कि जी20 की बैठक ‘ना भूतो न भविष्यति’ के रूप मे हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विश्व में अपना लोहा मनवा दिया. जी20 समूह में विश्व के सभी शक्तिशाली देश शामिल हैं. सभी देशों ने भारत की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है.

उन्होंने कहा कि PoK अपने आप भारत के अंदर आ जाएगा, थोड़ा सा इंताजार करने की जरूरत है. PoK के लोगों की मांग पर कि उन्हें भारत में विलय किया जाए पर केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने यह बात कही.

क्या है पीओके जानें

पीओके की बात जब आती है तो कई लोग सोचने लगते हैं कि आखिर यह क्षेत्र क्या है और क्यों बार-बार इसका नाम सामने आता है. दरअसल, 1947 में मिली आजादी और बंटवारे से पहले जम्मू-कश्मीर का अस्तित्व एक स्वतंत्र रियासत के तौर पर था. लेकिन 1947 में ही पाकिस्तान की सीमा से सटे जम्मू-कश्मीर के क्षेत्र पर जबरन कब्जा करने का काम किया गया जो अब तक कायम है. पाकिस्तान की सेना और आईएसआई इस स्थान को आतंकवादी कैंपों के तौर पर इस्तेमाल में लाती है.

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भारत-पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के विवाद के बीज अंग्रेज की दिमाग की सोच थी. 1947 में जब भारत को स्वतंत्रता मिली उस वक्त अंग्रेजों ने रियासतों पर अपना-अपना दावा छोड़ दिया. उनके द्वारा कहा गया कि भारत या पाकिस्तान में शामिल होने या स्वतंत्र रहने का निर्णय खुद लें. जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरिसिंह ने पहले तो स्वतंत्र राज्य के तौर पर बने रहना चाहा लेकिन पख्तूनों के हमले के बाद उन्होंने भारत से मदद की गुहार लगाई. इसी दौरान पाकिस्तान से लगे कश्मीर के हिस्से पर कब्जा कर लिया गया जो आज पीओके कहलाता है.

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