गुवाहाटी : असम में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के सांसद बदरुद्दीन अजमल द्वारा महिलाओं, हिंदू पुरुषों और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ की गई टिप्पणी के खिलाफ शनिवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है. सांसद बदरुद्दीन अजमल ने यह टिप्पणी शुक्रवार को एक साक्षात्कार के दौरान की थी. उनकी इस टिप्पणी के बाद शनिवार को असम जातीय परिषद (एजेपी) और हिंदू युवा छात्र परिषद ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. सांसद बदरुद्दीन अजमल के खिलाफ नागांव सदर थाना, हाटीगांव थाना और हैलाकांडी थाना में शिकायत दर्ज कराई गई है.
मीडिया एजेपी उपाध्यक्ष डूलू अहमद ने असम हाटीगांव थाने में, एजेपी के मुख्य संयोजक हैलाकांडी थाना और हिंदू युवा छात्र परिषद ने नागांव सदर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने सांसद बदरुद्दीन अजमल के खिलाफ मिली शिकायत की पुष्टि करते हुए कहा कि इस मामले में जांच शुरू हो गई है. एजेपी उपाध्यक्ष डूलू अहमद ने कहा कि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के सांसद बदरुद्दीन अजमल के बयान को लेकर उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है, क्योंकि इससे समाज में व्यापक प्रतिक्रिया हुई है और सांप्रदायिक हिंसा भड़क सकती है.
एआईयूडीएफ सांसद बदरुद्दीन अजमल ने शुक्रवार को एक मीडिया संस्थान को दिए साक्षात्कार में महिलाओं, हिंदू पुरुषों पर तथा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को लेकर टिप्पणियां की थीं. उन्होंने कथित तौर पर हिंदुओं को कम उम्र में शादी करके मुसलमानों की तरह ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह दी थी. इसके साथ ही, उन्होंने हिंदू लड़कियों की 18-20 साल की उम्र में शादी करने की सलाह भी दी थी. अजमल के राजनीतिक विरोधियों ने उनके बयान को गुजरात विधानसभा चुनाव से जोड़ा और आरोप लगाया कि एआईयूडीएफ अध्यक्ष अपनी पार्टी को बचाने के लिए भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं.
वहीं, भाजपा प्रवक्ता रंजीब शर्मा ने कहा कि बदरुद्दीन अजमल ने हमारे मुख्यमंत्री के खिलाफ जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है, उन्हें पूरे सभ्य समाज द्वारा चुनौती दी जानी चाहिए. भाजपा विधायक दिगंत कालिता ने मुस्लिम समुदाय से अजमल के खिलाफ खड़े होने को कहा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने इस मामले में अजमल और मुख्यमंत्री के बीच साजिश होने की आशंका जताई. राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया (कांग्रेस) ने भी कहा कि यह पता लगाना होगा कि अजमल के बयानों के पीछे कहीं भाजपा तथा एआईयूडीएफ की मिलीभगत तो नहीं है.
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वहीं, एआईयूडीएफ अध्यक्ष और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने शुक्रवार को दिए साक्षात्कार में कही गई बातों पर सफाई देते हुए कहा कि अगर मेरे शब्दों से किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं. मेरा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. मैं केवल इतना चाहता हूं कि सरकार अल्पसंख्यकों के साथ न्याय करे और उन्हें शिक्षा और रोजगार दे.