Gujarat Election 2022: गुजरात में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी प्रमुख सियासी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है. चुनाव के लिए मतदान की तारीख के नजदीक आने के साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज नेताओं ने प्रचार अभियान के लिए अपनी गतिविधियां तेज कर दी है. प्रचार अभियान के लिए समय खत्म होने से पहले राजनीति पार्टियों के बड़े नेता राज्य के कोने-कोने में मौजूद हर मतदाता तक पहुंचने की कोशिश में जुटे है. इन सबके बीच, गुजरात के राजकोट से एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है.
दरअसल, गुजरात के राजकोट में एक गांव ऐसा भी है, जहां राजनीतिक पार्टियों को चुनाव प्रचार की इजाजत नहीं दी जाती है. राजकोट के राज समाधियाला गांव के सरपंच ने बताया कि गांव में प्रचार की अनुमति नहीं है. हालांकि, वोट नहीं करने वालों पर 51 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. उन्होंने बताया कि साल 1983 से ही गांव में सियासी दलों के चुनाव प्रचार पर रोक लगी हुई है.
जानकारी के मुताबिक, राज समाधियाला गांव राजकोट शहर से केवल 22 किमी दूर है. गुजरात के इस गांव में खोजने पर भी आपको किसी के घर में ताला नहीं मिलेगा. बताया जाता है कि इस गांव में कोई अपने घर में ताला नहीं लगाता है. घर तो घर होता है, वहां कोई न कोई मौजूद ही रहता है. मगर यहां के दुकानदार भी दोपहर में अपनी दुकानें खुली छोड़ देते हैं और घर में खाना खाने आ जाते हैं. ग्राहक जब दुकान पर आता है तो अपनी जरूरत का सामान लेकर उसकी कीमत का पैसा दुकान के गल्ले में डालकर चला जाता है. बताया जाता है कि इस गांव में एक घटना को छोड़कर आज तक कभी भी चोरी की वारदात नहीं हुई है.
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