Maharashtra News: आदित्य ठाकरे के बयान पर महाराष्ट्र में सियासी भूचाल, शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट आमने-सामने
वर्ली से विधायक आदित्य ठाकरे ने एक कार्यक्रम में अपने पिता उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने वाले शिवसेना के अन्य विधायकों और सांसदों को इस्तीफा देने तथा नए सिरे से मतदाताओं का सामना करने की चुनौती दी.
शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे के बयान पर महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आ गया है. उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को वर्ली विधानसभा सीट से उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी. जिसके बाद शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट आमने-सामने आ गयी है. शिंदे गुट के नेता ने उन्हें अपरिपक्व बता दिया है.
आदित्य ठाकरे के बयान से उनके अपरिपक्व होने की पहचान होती है: दीपक केसरकर
दीपक केसरकर ने कहा, आदित्य ठाकरे ऐसे बयान दे रहे हैं कि वह अपरिपक्व हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह वर्ली से जीते, 2 लोगों को एमएलसी बनाया गया जिन्होंने उनके लिए कड़ी मेहनत की. हम यह भी कह सकते हैं कि उन्हें वर्ली से इस्तीफा दे देना चाहिए और ठाणे से चुनाव लड़ना चाहिए, लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि यह हमारी संस्कृति में नहीं है.
मंगेश कुदलकर ने आदित्य ठाकरे को दी चुनौती
बालासाहेबची शिवसेना विधायक मंगेश कुदलकर ने आदित्य ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा, मैं कुर्ला में इस्तीफा दे दूंगा, उन्हें भी इस्तीफा देना होगा और मेरे खिलाफ चुनाव जीतकर साबित करना होगा. उन्होंने कहा, मैं आदित्य ठाकरे को बताना चाहता हूं कि चैलेंज देना ठीक नहीं है. शिंदे सरकार उत्तरोत्तर काम कर रही है. मैं उनसे हमारे साथ काम करने का अनुरोध करता हूं.
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आदित्य ठाकरे ने क्या दिया था बयान
दरअसल वर्ली से विधायक आदित्य ठाकरे ने एक कार्यक्रम में अपने पिता उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने वाले शिवसेना के अन्य विधायकों और सांसदों को इस्तीफा देने तथा नए सिरे से मतदाताओं का सामना करने की चुनौती दी. आदित्य ने कहा, मैंने इन असंवैधानिक मुख्यमंत्री को चुनौती दी है कि मैं वर्ली से विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा और आप मेरे खिलाफ चुनाव लड़ें. देखते हैं कि आप वर्ली से कैसे जीतते हैं. उन्होंने कहा, मैं इन 13 दलबदलू सांसदों और 40 विधायकों को भी चुनौती दे रहा हूं कि वे इस्तीफा दें और फिर से चुनाव लड़ें तथा देखें कि क्या वे निर्वाचित हो सकते हैं. जून 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराने के बाद शिंदे मुख्यमंत्री बने.