Loading election data...

हैदरपोरा में मुठभेड़ के बाद राजनीति गरमाई, अब उमर अब्दुल्ला शव वापसी के लिए दे रहे धरना

उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम सरकार के विरोध में नहीं बोल रहे हैं, हम केवल शव वापस करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, हम यहां शांतिपूर्वक बैठे हैं कोई उग्र प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2021 6:11 PM

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ जारी अभियान के बाद राजनीति तेज हो गयी है. महबूबा मुफ्ती नजर बंद हैं और आज नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के हैदरपोरा में हुई मुठभेड़ में मारे गए आम नागरिकों के शव लौटाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया.

उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम सरकार के विरोध में नहीं बोल रहे हैं, हम केवल शव वापस करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, हम यहां शांतिपूर्वक बैठे हैं कोई उग्र प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं. हमारे प्रदर्शन से कानून व्यवस्था को कोई नुकसान नहीं है. हमने यातायात बाधित नहीं कर ना ही कोई नारेबाजी हो रही है. हम केवल मारे गये लोगों के शव की मांग कर रहे हैं.

गौरतलब है कि श्रीनगर में सोमवार को हुई मुठभेड़ में दो लोग मारे गये थे, जिन्हें सुरक्षाबल आतंकियों का मददगार बता रही है जबकि मारे गये लोगों के परिजन इसका विरोध कर रहे हैं. राजनीतिक दल इस मामले में कूद पड़े हैं और मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं.

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पुलिस ने यह स्वीकार किया है कि दोनों पक्षों की ओर से हुई गोलीबारी में आम नागरिक मारा गया और इसके बावजूद उसके शव को परिजनों को देने की बजाय उसे हंदवाड़ा में दफन कर दिया गया.

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने भी शव वापस करने की मांग को लेकर यहां विरोध प्रदर्शन किया और जुलूस निकाला. उन्होंने हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग की. महबूबा मुफ्ती ने भी शव उठाने की मांग को लेकर कल विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद उन्हें नजरबंद करने की खबर आयी. महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार को क्रूर सरकार बताया है और कहा कि यह मुठभेड़ के बाद शव भी नहीं सौंपते.

Also Read: अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के सामान्य होने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा, समीक्षा जारी

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने भी शव वापस करने की मांग को लेकर यहां विरोध प्रदर्शन किया और जुलूस निकाला. उन्होंने हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग की. महबूबा मुफ्ती ने भी शव उठाने की मांग को लेकर कल विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद उन्हें नजरबंद करने की खबर आयी. महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार को क्रूर सरकार बताया है और कहा कि यह मुठभेड़ के बाद शव भी नहीं सौंपते.

Posted By : Rajneesh Anand

Next Article

Exit mobile version