चंडीगढ़ : पंजाब में भीषण गर्मी के बीच बिजली कटौती को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. शनिवार को आम आदमी पार्टी ने मोहाली में मुख्यमंत्री अमेरिंदर सिंह के फार्म हाउस पर प्रदर्शन किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाई थी. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें की. हालांकि, सूबे में शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल और बसपा गठबंधन ने प्रदर्शन किया था.
मीडिया की खबर के अनुसार, इस दौरान आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के लोग धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं और केवल एक व्यक्ति अपने घर में बैठा आनंद ले रहा है. हम मुख्यमंत्री के फार्म हाउस का मीटर चेक करने आए हैं, ताकि पता लग सके कि यहां कितने घंटे बिजली की कटौती की जा रही है.
आम आदमी पार्टी के सांसद मान ने आरोप लगाया कि अकाली दल और भाजपा की सरकार में लागू पंजाब विरोधी बिजली समझौते और माफिया राज कैप्टन के शासन में भी चल रहे हैं. बिजली मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री को मौजूदा बिजली संकट की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए. बिजली संकट पर सुखबीर बादल के प्रदर्शन को भगवंत मान ने नाटक बताया.
उन्होंने कहा कि अकाली दल और भाजपा की सरकार ने निजी बिजली कंपनियों के साथ गलत समझौते किए थे. उन्होंने पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से सवाल किया कि वह बताएं, अकाली सरकार के समय कितने सोलर पावर प्लांट और किस-किस के नाम पर लगाए थे.
वहीं, भाजपा ने बिजली के अघोषित कटौती से उद्योगों को हो रहे नुकसान और आम जनता की बढ़ती मुश्किलों के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार ठहराया है. भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा ने कहा कि राज्य की जनता फ्री बिजली नहीं, बल्कि 24 घंटे इसकी सप्लाई मांग रही है.