Maharashtra Politics: शिवसेना-बीजेपी भविष्य में एक साथ लड़ेंगी चुनाव, एकनाथ शिंदे ने किया ऐलान

Shiv Sena-BJP contest elections एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना महाराष्ट्र में भाजपा की सत्ता साझेदार है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर यह भी बताया कि उन्होंने और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार रात दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की.

By ArbindKumar Mishra | June 5, 2023 4:00 PM
an image

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को ऐलान कि शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भविष्य में नगर निकाय चुनाव समेत सभी चुनाव मिलकर लड़ेंगी.

शिंदे बीजेपी को बताया सत्ता साझेदार

एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना महाराष्ट्र में भाजपा की सत्ता साझेदार है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर यह भी बताया कि उन्होंने और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार रात दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. शिंदे ने शाह से हुई मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट किया, बैठक के दौरान यह तय हुआ कि शिवसेना और भाजपा (लोकसभा, विधानसभा और नगर निकाय समेत) सभी चुनाव मिलकर लड़ेंगी. हम चुनाव लड़ेंगे और बहुमत से जीत हासिल करेंगे.

शिंदे ने की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात

एकनाथ शिंदे और फडणवीस रविवार शाम दिल्ली गए थे, जहां उनकी शाह से मुलाकात हुई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि शाह से मुलाकात के दौरान कृषि और सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि राज्य में लंबित कई परियोजनाओं पर अब काम शुरू हो चुका है और वे पूरी होने वाली हैं. शिंदे ने ट्वीट में कहा, हमें विभिन्न परियोजनाओं के लिए हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मार्गदर्शन मिला है. हमने सहकारिता क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए शाह से मुलाकात की.

Also Read: एकनाथ शिंदे के बेटे के नाम पर जमीन पर थूका? संजय राउत की हरकत से महाराष्ट्र में घमासान

2019 में उद्धव के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए था : विनोद तावड़े

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने कहा है कि महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को शिवसेना के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए था, क्योंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी गठबंधन में दूसरी भूमिका निभाने की बात कभी नहीं पचा सकी. 2019 में अविभाजित शिवसेना और भाजपा ने मिलकर 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत हासिल किया था, लेकिन उद्धव ने भाजपा पर वादे के मुताबिक मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल बराबर रूप से साझा नहीं करने का आरोप लगाते हुए पार्टी से अपना दशकों पुराना गठबंधन तोड़ लिया था.

Exit mobile version