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दिल्ली के प्रदूषण से नहीं निपटना चाहती केंद्र सरकार- आतिशी

आम आदमी पार्टी ने एयर क्वालिटी कमीशन की वैधता समाप्त होने पर भाजपा की केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. ‘आप’ की वरिष्ठ नेता एवं विधायक आतिशी ने कहा कि एयर क्वालिटी कमीशन के अध्यादेश का समय समाप्त हो गया है, लेकिन भाजपा संसद में इसका बिल नहीं लेकर आई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2021 2:15 PM

आम आदमी पार्टी ने एयर क्वालिटी कमीशन की वैधता समाप्त होने पर भाजपा की केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. ‘आप’ की वरिष्ठ नेता एवं विधायक आतिशी ने कहा कि एयर क्वालिटी कमीशन के अध्यादेश का समय समाप्त हो गया है, लेकिन भाजपा संसद में इसका बिल नहीं लेकर आई. जबकि केंद्र सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए एकमात्र कदम एयर क्वालिटी कमीशन का गठन करके उठाया था. इससे साफ हो गया है कि केंद्र सरकार दिल्ली वालों के स्वास्थ्य को लेकर कितनी गंभीर है?

एयर क्वालिटी कमीशन के अध्यादेश का समय हुआ समाप्त, भाजपा नहीं लाई संसद में इसका बिल. दिल्ली के प्रदूषण से नहीं निपटना चाहती केंद्र सरकार – आतिशी

केंद्र सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए क्वालिटी कमीशन गठित कर एकमात्र कदम उठाया था, संसद में बिल न लाने से साफ हो गया है कि केंद्र सरकार दिल्ली वालों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं है- आतिशी

केंद्र सरकार ने सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को जवाब देने के लिए कागजों में एयर क्वालिटी कमीशन बनाया था, लेकिन इसे कभी भी गंभीरता से नहीं लिया- आतिशी

केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए कमीशन का गठन किया था और 6 हफ्ते के अंदर इस बिल को संसद के पटल पर रख कर पास कराना था, लेकिन केंद्र ने ऐसा नहीं किया- आतिशी

केंद्र सरकार बताए कि कमीशन की समाप्ति के बाद अब पराली, थर्मल पाॅवर प्लांट, ईंट की भट्ठियों और पेट कोक से चल रहे उद्योगों से होने वाले प्रदूषण पर कौन कार्रवाई करेगा?- आतिशी

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बाॅयो डी-कंपोजर का प्रयोग, ईवी पाॅलिसी लाने और थर्मल पावर प्लांट्स बंद करने समेत कई कदम उठाए हैं- आतिशी

क्यूं केंद्र सरकार हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान से आ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए कदम नहीं उठा रही और दिल्ली वालों को जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर कर रही- आतिशी

केंद्र सरकार ने सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को जवाब देने के लिए कागजों में एयर क्वालिटी कमीशन बना दिया था, लेकिन उसे कभी गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को 6 हफ्ते के अंदर इस बिल को संसद के पलट पर रख कर पास कराना था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया.

उन्होंने केंद्र सरकार पूछा कि कमीशन को वापस लेने के बाद अब पराली, थर्मल पाॅवर प्लांट, ईंट की भट्ठियों और पेट कोक से चल रहे उद्योगों से होने वाले प्रदूषण पर कौन कार्रवाई करेगा? आखिर क्यूं केंद्र सरकार हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए कदम नहीं उठा रही है और दिल्ली वालों को जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर कर रही है.

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं विधायक आतिशी ने आज पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया. आतिशी ने कहा कि दिल्ली की हवा में जो जहर घुला रहता है, जिसमें हम सब दिल्ली वालों को सांस लेना पड़ता है. इसकी वजह से हम सभी दिल्ली वासियों को अनेकों स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का भी समाधान करना पड़ता है. यह एक ऐसा मुद्दा है, जिससे साल दर साल दिल्ली वाले जूझते रहते हैं.

अगर आप दिल्ली के प्रदूषण को समझने की कोशिश करें, तो यह समझ में आता है कि दिल्ली में प्रदूषण के दो प्रमुख स्रोत हैं. एक, दिल्ली शहर के अंदर होने वाला प्रदूषण और दूसरा, जो बहुत सारा प्रदूषण दिल्ली के बाहर से आता है. टेरी की दो साल पहले की एक रिपोर्ट भी यह बताती है कि दिल्ली में होने वाला 60 प्रतिशत से ज्यादा प्रदूषण दिल्ली के बाहर से आ रहा है.

इसकी चर्चा भी हम कई सालों से कह रहे हैं. खासकर अक्टूबर और नवंबर के महीने में, जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलनी शुरू होती है, तब दिल्ली में लोगों का दम घुटने लगता है और सांस लेना मुश्किल हो जाता है.

Posted by: Pritish Sahay

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