25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Air Pollution: वायु प्रदूषण से न केवल फेफड़े बल्कि हृदय रोग भी बढ़ सकते हैं! जानें विशेषज्ञों की राय

दिल्ली और एनसीआर में हवा लगभग जहरीली हो जाने पर फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष डॉ अशोक सेठ ने कहा, "जबकि प्रदूषण केवल फेफड़ों की समस्याओं से जुड़ा हुआ है क्योंकि अस्थमा खराब हो जाता है, लोग अक्सर इस सिद्ध तथ्य को नजरअंदाज कर देते हैं कि हवा प्रदूषण से हृदय की क्षति बढ़ जाती है.

Air Pollution: दीपावली को लेकर हर तरफ तैयारियां लगभग पूरी हो गयी है. घरों की साफ-सफाई, पूजन सामग्री की खरीदारी भी लगभग हो चुकी है. लेकिन इस त्योहार में पटाखों के अत्यधिक इस्तेमाल से कई तरह की बीमारियां भी हो सकती है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शनिवार शाम को 266 पर पहुंच गया. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च के अनुसार, समग्र दिल्ली क्षेत्र में एक्यूआई इंडेक्स 266 पर ‘खराब’ श्रेणी में, दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 327, ‘खराब’ था. शनिवार शाम को मथुरा रोड में गुणवत्ता 293 और गुरुग्राम में ‘मध्यम’ श्रेणी में 156 पर है.

युवा लोगों में हृदय रोग में वृद्धि का कारण हवा प्रदूषण

राष्ट्रीय राजधानी में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शनिवार शाम 266 पर पहुंच गया. दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हवा लगभग जहरीली हो जाने पर फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष डॉ अशोक सेठ ने कहा, “जबकि प्रदूषण केवल फेफड़ों की समस्याओं से जुड़ा हुआ है क्योंकि अस्थमा खराब हो जाता है, लोग अक्सर इस सिद्ध तथ्य को नजरअंदाज कर देते हैं कि हवा प्रदूषण से हृदय की क्षति बढ़ जाती है और हमें इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए.” डॉ सेठ ने कहा कि वास्तव में, जैसा कि हम पिछले कुछ वर्षों में युवा लोगों में हृदय रोग में वृद्धि देख रहे हैं, मेरा मानना ​​​​है कि यह वायु प्रदूषण के कारण होता है जो पिछले 20 वर्षों में और साथ ही साथ उनकी जीवन शैली में भी बदतर हो गया है.

Also Read: झारखंड सरकार को HEC देगा 28 एकड़ जमीन, मिलेंगे इतने करोड़ रुपये
वायु प्रदूषण हृदय की धमनियों में सूजन पैदा करता है

डॉ सेठ ने बताया कि कैसे वायु प्रदूषण हृदय की धमनियों में सूजन पैदा करता है और हृदय को नुकसान पहुंचाता है. उन्होंने कहा कि जब हम 2.5 पार्टिकुलेट मैटर को देखते हैं, तो यह पता चलता है कि प्रदूषण में न केवल वह पदार्थ होता है, जो बहुत हानिकारक भी होता है और फेफड़ों से रक्त वाहिकाओं में स्थानांतरित होता है, बल्कि गैसीय मीट्रिक भी होता है, जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे नाइट्रोजन जैसे सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, जो सभी हानिकारक पदार्थ के रूप में जाने जाते हैं. वे हृदय की धमनियों में सूजन पैदा करते हैं. जब यह कण पदार्थ रक्तप्रवाह में फेफड़ों में जाता है, तो हृदय की धमनियों में सूजन का कारण बनता है और रक्त के थक्कों में वृद्धि का कारण बनता है. इन सभी दो महत्वपूर्ण कारकों से दिल का दौरा पड़ता है और हृदय की धमनियों की आंतरिक परत को नुकसान होता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें