जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) को लेकर चर्चा जोरो पर है. बीते दिन छत्तीसढ़ की राजधानी रायपुर के एक समारोह में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (Prahlad Singh Patel) ने कहा कि देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून जल्द लाया जाएगा. जब केंद्र सरकार ने कई मजबूत और बड़े फैसले लिए हैं तो बाकी को भी पूरा किया जाएगा.
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राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey) रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में टोटल फर्टिलिटी रेट (TFR) में गिरावट आ रही है. यह स्थिति भारत के कई में देखा जा रहा है. जिसका अर्थ यह है कि कुल जनसंख्या स्थिर हो गई है. वहीं, बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में टोटल फर्टिलिटी रेट 2.1 से ज्यादा है लेकिन, आने वाले दिनों में भी टोटल फर्टिलिटी रेट 2.1 तक पहुंच सकता है.
केंद्र सरकार ने अब तक जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने से इनकार किया है. बीते वर्ष केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण ने नियंत्रण कानून पर कहा था कि बच्चों की निश्चित संख्या को निर्धारित नहीं की जा सकती. ऐसे फरमान का परिणाम बुरा होता है. ऐसे में लोग बेटों को प्राथमिकता देते हुए बेटियों का परित्याग कर देते हैं. वहीं, कन्या भ्रुण हत्या तक कर दी जाती है.
संविधान केंद्र और राज्य दोनों को जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने की छूट देता है. कुछ राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून भी बनाए गए हैं. देखा गया है कि जिन राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाया गया है, उन राज्यों में अनसेफ अबॉर्शन बढ़े हैं. वहीं, सराकारी सेवाओं को प्राप्त करने के लिए लोगों ने अपनी पत्नी को तालाक दे दिया है. हालांकि, किसी सरकार ने इसपर अपनी रिपोर्ट अब तक जारी नहीं की है.