Population Control Law : बच्चे दो ही अच्छे के कानून पर कायम है सरकार, अभी नहीं ला रही कोई नया कानून
एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वे बच्चे दो ही अच्छे की नीति का समर्थन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर अगर मुसलमानों को टारगेट किया गया तो वे इसका विरोध करेंगे.
जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार अभी कोई नया कानून नहीं ला रही है. यह जानकारी आज संसद को सरकार की ओर से दी गयी. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में बताया कि सरकार राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, जो राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 और राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 के सिद्धांतों पर आधारित है.
असदुद्दीन ओवैसी बच्चे दो ही अच्छे की नीति के विरोध में
विश्व जनसंख्या दिवस पर जब यह सूचना सामने आयी कि अगले साल जनसंख्या के मामले में भारत चीन को पीछे छोड़ देगा, तो अचानक ही राजनीति तेज हो गयी है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वे बच्चे दो ही अच्छे की नीति का समर्थन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर अगर मुसलमानों को टारगेट किया गया तो वे इसका विरोध करेंगे.
अगले साल भारत की जनसंख्या चीन से अधिक होगी
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जनसंख्या के मामले में भारत अगले साल चीन को पीछे छोड़ देगा. उसके बाद से देश में इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ी हुई है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी जनसंख्या नियंत्रण के लिए बयान दिया था, जिसपर विवाद हुआ था. इन विवादों के बाद केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून लाने पर वह कोई विचार नहीं कर रही है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्र सरकार के इस रुख के बारे में यह जानकारी दी.
कुल प्रजनन दर में गिरावट
सरकार की ओर से जानकारी दी गयी कि जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने के सरकार के प्रयास सफल रहे हैं और इसकी बदौलत 2019-21 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) में कुल प्रजनन दर (टीएफआर) घटकर 2.0 रह गई जो प्रतिस्थापन स्तर से नीचे है. उन्होंने कहा कि 36 राज्यों व संघ शासित क्षेत्रों में से 31 ने प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता हासिल कर ली है. पवार ने कहा कि आधुनिक गर्भनिरोधक उपयोग बढ़कर 56.5 प्रतिशत हो गया है जबकि परिवार नियोजन की अधूरी आवश्यकता केवल 9.4 प्रतिशत है. यही वजह है कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए कोई नया कानून नहीं ला रही है.