पोषण माह 2020 : भारत को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए इस तरह तैयारी कर रही है सरकार
कुपोषण भारत के लिए एक बड़ी गंभीर समस्या है. इसे दूर करने के लिए इस वक्त पूरे देश में पोषण माह अभियान मनाया जा रहा है. सात से 30 सितंबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत देश से कुपोषण को मिटाने के लिए लोगों को जागरूक किया जायेगा. उनके खान पान के आदतों में सुधार लाने के प्रयास में उन देसी अनाजों के उपयोग पर जोर दिया जायेगा, जो हमारे लिए काफी फायदेमंद हैं.
कुपोषण भारत के लिए एक बड़ी गंभीर समस्या है. इसे दूर करने के लिए इस वक्त पूरे देश में पोषण माह अभियान मनाया जा रहा है. एक से 30 सितंबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत देश से कुपोषण को मिटाने के लिए लोगों को जागरूक किया जायेगा. उनके खान पान के आदतों में सुधार लाने के प्रयास में उन देसी अनाजों के उपयोग पर जोर दिया जायेगा, जो हमारे लिए काफी फायदेमंद हैं.
बीजेपी सांसद महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है. एक वीडियो के माध्यम से उन्होंने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से देश की इतिहास में एक अनोखा प्रयास किया जा रहा है. सरकार की कोशिश है कि हरेक जिले की एक अनोखी जानकारी एक वेबसाइट पर रखी जाये कि उस जिले की कौन की सब्जी, फसल या फल है जो संतुलित आहार का हिस्सा बन सकती है.
केंद्रीय मंत्री ने लोगों से कहा है कि वो अपने घर की एक ऐसी रेसीपी की जानकारी दे जिसे खाने से संतुलित आहार मिलता है. उन्होंने कहा कि इस वेबसाइट पर लोग अपने घर की रेसीपी साझा कर सकते हैं. https://innovate.mygov.in/poshanrecipe/#tab1. रेसीपी साझा करने की अंतमि तारीख 30 सितंबर है.
बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ मार्च 2018 में देश को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए पोषण अभियान शुरु किया था. अब तक इस योजना का लाभ 10 करोड़ लोगों को मिल चुका है. साथ ही इस अभियान की तिथि को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दिया गया है. तीन साल की इस योजना के लिए 9046 करोड़ रुपये खर्च किया जाना है.
In order to form database of indigenous food items with high nutrition value, @MinistryWCD seeks support of people of India. Contribute towards Bharatiya Poshan Krish Kosh by sharing traditional recipes of your family / region https://t.co/zCSxOiqfAm #POSHAHMaah2020 #Local4Poshan pic.twitter.com/92MtkMCujv
— Smriti Z Irani (@smritiirani) September 7, 2020
इससे पहले ग्लोबल न्यूट्रिशन रिपोर्ट 2020 के अनुसार भारत पोषण को लेकर तय किये गय लक्ष्य को पूरा नहीं कर पायेगा. जिसमें 0-5 साल तक के बच्चों को पोषाहार उपलब्ध कराना, प्रजनन आयु की महिलाओं में एनीमिया को मिटाना,बचपन में अधिक वजन को दूर करना और अनिवार्य स्तनपान.आंकड़ों के अनुसार कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी तो आयी है, लेकिन अभी भी इस दिशा में बहुत कुछ किया जाना है. यह आंकड़ा 66 प्रतिशत से घटकर 58.1 प्रतिशत पर आ गया है.
भारत में पोषण की स्थिति बहुत गंभीर है, विश्व में सिर्फ नाइजीरिया और इंडोनेशिया जैसे देश ही ऐसे हैं जहां हमसे भी खराब स्थिति है. बिहार-बंगाल, उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में 40 प्रतिशत से भी ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं.वहीं अगर महिलाओं की बात करें, तो आधी आबादी एनीमिया की शिकार है. झारखंड में तो 65 प्रतिशत से अधिक महिलाएं एनेमिक हैं.
Posted By: Pawan Singh