लिफाफे पर मिहिदाना और सीताभोग, अब चिट्ठी के साथ मिठाईयों की मिठास घर लाएगा डाकिया
साल 2017 में मिहिदाना और सीताभोग को जीआई टैग मिला था. अब, डाक विभाग ने दोनों मिठाईयों की पहचान की है. शुक्रवार को दोनों मिठाई से जुड़ा विशेष लिफाफा जारी किया गया.
बंगाल की प्रसिद्ध मिठाई का नाम रसगुल्ला है. पहली बार साल 1868 में नोबिन चंद्र दास ने कोलकाता शहर में रसगुल्ला बनाया और आज कुछ कहने की जरुरत नहीं है. बंगाल का संदेश भी काफी प्रसिद्ध है. इसी तर्ज पर पूर्व बर्दवान के सीताभोग और मिहिदाना के कद्रदान भी बहुत लोग हैं. साल 2017 में मिहिदाना और सीताभोग को जीआई टैग मिला था. अब, डाक विभाग ने दोनों मिठाईयों की पहचान की है. शुक्रवार को दोनों मिठाई से जुड़ा विशेष लिफाफा जारी किया गया.
Also Read: ‘संपत्ति देश की है, भाजपा या मोदी की नहीं’, एनएमपी पर ममता बनर्जी का फूटा गुस्सा20 रुपए कीमत का यह लिफाफा देश भर के सभी पोस्ट ऑफिस (डाकघर) में उपलब्ध होगा. लिफाफे का उद्घाटन दक्षिण बंगाल क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल शशि सालिनी कुजूर ने बर्दवान के मुख्य डाकघर में आयोजित एक समारोह में किया. पोस्टमास्टर जनरल शशि सालिनी कुजूर ने बताया कि देश की आजादी के 75वें वर्ष को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. इसी के तहत मिहिदाना और सीताभोग से जुड़ा विशेष लिफाफे को जारी किया गया है.
इसके पहले पूर्व बर्दवान जिले के कालना लालजी मंदिर का फोटो लगा डाक टिकट भी विभाग जारी कर चुका है. इस बार बर्दवान के 108 शिव मंदिर के साथ सीताभोग और मिहिदाना के लिफाफे प्रकाशित किए गए हैं. डाक विभाग की कोशिश है कि मिहिदाना और सीताभोग की जानकारी देश के दूसरे राज्यों के साथ ही दुनियाभर में पहुंचाई जाए. यही कारण रहा है कि मिहिदाना और सीताभोग को लेकर विशेष लिफाफा जारी किया गया. (इनपुट: मुकेश तिवारी)