Power Crisis in Chandigarh: चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से बिजली व्यवस्था चरमरा गयी है. आलम यह है कि बिजली आपूर्ति को फिर से बहाल करने के लिए प्रशासन सेना की मदद लेने की बात कह रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिजली संकट दूर करने के लिए पश्चिमी कमान के मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस की मदद लेने का फैसला किया है.
इधर चंडीगढ़ प्रशासक की ओर से बिजली कर्मियों की हड़ताल पर 6 महीने के लिए रोक लगा दी गई है. प्रशासन का कहना है किबिजली एक आवश्यक सेवा है, कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने के कारण लोगोंको काफी परेशान होती है ऐसे में हड़ताल खत्म करना जरूरी है. बता दें, बिजली के नदारद होने से कई इलाकों में पानी की समस्या भी गहरा गई है.
प्रशासन ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर: इधर बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के कारण कई इलाकों में घोर जल संकट उत्पन्न हो गई है. यूटी पावरमैन यूनियन की हड़ताल से जल संकट के हालात पैदा हो गये हैं. इधर पानी के लिए हाहाकार को देखते हुए चंडीगढ़ नगर निगम ने पानी की किल्लत को लेकर हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं.
एस्मा लगाए जाने का विरोध: इधर, ज्वाइंट एक्शन कमेटी और कॉर्डिनेशन कमेटी ने हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने का विरोध किया है. दोनों कमेटियों का कहना है कि हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगाने के प्रशासनिक फैसले की वे निंदा करते हैं. कमेटी का कहना है कि कर्मचारी बिजली विभाग को निजी हाथों में देने का विरोध कर रहे हैं. जबकि विभाग मुनाफे में चल रहा है. दोनों कमेटियों ने निजीकरण और एस्मा वापस लेने की मांग की है.
लड़ाई में पिस रही आम जनता: बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ लड़ाई में चंडीगढ़ की आम जनता पिस रही है. गली कूचों के लेकर शहर के ट्रैफिक लाइट प्वाइंट बंद पड़े है. जिससे जगह जगह जाम लग रहा है. इसके अलावा शाम होते ही पूरा शहर अंधकार में डूब रहा है. बिजली नहीं होने के कई काम प्रभावित हो रहे हैं.
इधर, बिजली सप्लाई प्रभावित होने से आम लोगों के साथ अस्पताल का भी हाल बेहाल है. इस मामले में हाईकोर्ट का कहना है कि बिजली सप्लाई बाधित होने से अस्पतालों में वेंटिलेटर और अन्य लाइफ सपोर्ट सिस्टम के सहारे इलाज करा रहे मरीजों की हालत बिगड़ सकती है. हाईकोर्ट ने यूटी के चीफ इंजीनियर आज कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.
Posted by: Pritish Sahay