केंद्रीय मंत्री ने की कोयला स्टॉक की स्थिति की समीक्षा, दिल्ली में बिजली आपूर्ति की नहीं कोई किल्लत!
Power Crisis: केंद्रीय राज्य पावर एवं न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री आरके सिंह ने शनिवार को दिल्ली की वितरण कंपनियों को बिजली की आपूर्ति करने वाले संयंत्रों सहित थर्मल पावर प्लांटों में कोयला स्टॉक की स्थिति की समीक्षा की.
Power Crisis: केंद्रीय राज्य पावर एवं न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री आरके सिंह ने शनिवार को दिल्ली की वितरण कंपनियों को बिजली की आपूर्ति करने वाले संयंत्रों सहित थर्मल पावर प्लांटों में कोयला स्टॉक की स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने निर्देश दिया कि दिल्ली को जितनी बिजली की आवश्यकता होगी उतनी बिजली मिलेगी.
दिल्ली को जरूरत के मुताबिक मिलती रहेगी बिजली
बिजली की बढ़ती मांग के बीच केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने शनिवार को कहा कि दिल्ली में बिजली वितरण कंपनियों को जरूरत एवं मांग के मुताबिक बिजली मिलती रहेगी. पावर एवं न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री आरके सिंह ने दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों को आपूर्ति करने वाले संयंत्रों एवं अन्य संयंत्रों में कोयला स्टॉक की स्थिति की समीक्षा करते हुए यह बात कही.
MoS Power & New & Renewable Energy RK Singh reviewed the coal stock position in thermal power plants incl the plants supplying power to distribution companies of Delhi & directed that Delhi will get as much power as requisitioned by them. pic.twitter.com/0221oTUg5p
— ANI (@ANI) April 30, 2022
दिल्ली को बिजली उपलब्ध कराने का दिया गया निर्देश
वहीं, न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा को सूत्रों ने बताया कि समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों को उनकी मांग के मुताबिक बिजली मिलेगी. बैठक के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी और डीवीसी को जरूरत के हिसाब से दिल्ली को बिजली उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया.
दिल्ली में बिजली आपूर्ति की कोई किल्लत नहीं
सूत्रों की मानें तो समीक्षा बैठक में कहा गया कि दिल्ली में बिजली आपूर्ति की कोई किल्लत नहीं है. दिल्ली की सारी जरूरत पूरी की जा रही है. शुक्रवार को दिल्ली में बिजली की मांग करीब 123.6 मेगावाट रही. दिल्ली में बिजली का वितरण टाटा पावर, बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना करती हैं. उन्हें बिजली संयंत्रों से घोषित क्षमता के आधार पर बिजली मिल रही है. दिल्ली में स्थापित उत्पादन क्षमता 3056 मेगावाट है.
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