प्रकाश जावडेकर ने लॉन्च किया डिजिटल कैलेंडर और डायरी ऐप, हर महीने ऑटोमेटिक बदल जाएगी अलग थीम
Digital calendar : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शुक्रवार को भारत सरकार का डिजिटल कैलेंडर और डायरी ऐप लॉन्च किया है. यह पहला मौका है, जब सरकारी कैंलेंडर और डायरी को डिजिटल मोड में लॉन्च किया गया है.
Digital calendar : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शुक्रवार को भारत सरकार का डिजिटल कैलेंडर और डायरी ऐप लॉन्च किया है. यह पहला मौका है, जब सरकारी कैंलेंडर और डायरी को डिजिटल मोड में लॉन्च किया गया है. फिलहाल, डिजिटल कैलेंडर और डायरी ऐप को हिंदी और अंग्रेजी में मुहैया कराया गया है. खबर यह भी है कि सरकार जल्द ही इसे अन्य 15 भाषाओं में भी लॉन्च करेगी. इसमें खासियत यह है कि कैलेंडर और डायरी की थीम हर महीने बदली जाएगी.
इसके साथ ही, कहा यह भी जा रहा है कि सरकार की इस पहले से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को कैलेंडर और डायरी की छपाई पर आने वाले खर्च में करीब 5 करोड़ रुपये की बचत होगी. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने एक बटन दबाकर कैलेंडर और डायरी के लिए एंड्रायड और आईओएस ऐप की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि हर साल हम 11 लाख कैलेंडर और 90,000 डायरी छपवाते हैं, लेकिन इस साल यह डिजिटल प्रारूप में है.
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के प्रमुख के एस धतवालिया ने बताया कि पिछले साल कैलेंडर और डायरी छपवाने में सात करोड़ रुपये खर्च हुए थे, लेकिन इस बार डिजिटल प्रारूप में होने के कारण मंत्रालय को करीब दो करोड़ रुपये की लागत आई. इस अवसर पर जावडेकर ने खुशी जताई कि दीवारों पर लगाया जाने वाला कैलेंडर अब मोबाइल फोन में उपलब्ध होगा.
जावडेकर ने कहा कि यह ऐप हर साल नए कैलेंडर की जरूरत पूरी करेगा. हर महीने का एक विषय निर्धारित होगा और उसमें संदेश दिए जाएंगे और एक महापुरूष का जिक्र होगा. ऐप लोगों को विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों की शुरुआत की टाइमलाइन के बारे में भी बताएगा.
ऐप की डायरी के बारे में उन्होंने कहा कि डायरी के कारण कैलेंडर में और खासियतें जुड़ गयी है. दूसरे डिजिटल कैलेंडर ऐप की तुलना में इसमें ज्यादा विशेषताएं हैं और यह इस्तेमाल करने में भी आसान है. उन्होंने कहा कि ‘जीओआई कैलेंडर’ ऐप निशुल्क है और यह 15 जनवरी से 11 भाषाओं में उपलब्ध होगा.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के ‘ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन’ ने ऐप को डिजाइन और विकसित किया है. मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल यह हिंदी और अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है और जल्द ही इसे 11 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा.
Posted By : Vishwat Sen