नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल और कार्यकर्ता अधिवक्ता प्रशांत भूषण को नोटिस जारी किया. ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कल प्रशांत भूषण के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला दाखिल किया था.
न्यायालय ने आज ट्विटर इंडिया की बजाय ट्विटर इंक को पक्षकार बनाने के निर्देश दिये.अवमानना की कार्यवाही पर स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने अमेरिका की कंपनी को इस मामले में अपना जवाब देने को कहा. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ को ट्विटर के वकील ने बताया कि अगर सुप्रीम कोर्ट निर्देश दे तो वह भूषण के कथित अवमानना वाले ट्वीट हटा देंगे.
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई पांच अगस्त के लिए निर्धारित की. पीठ ने अटॉर्नी जनरल को इस मामले में सहायता करने को कहा है. गौरतलब है कि भूषण ने 27 और 29 जून को कथित अवमानना वाले ट्वीट किए थे जिनमें उच्चतम न्यायालय की आलोचना की गई थी.
प्रशांत भूषण ने अपने ट्विटर एकाउंट से कई ऐसे ट्वीट किये थे, जिनसे कोर्ट की अवमामना हो रही थी. हालांकि कोर्ट ने यह नहीं बताया था कि किस ट्वीट के कारण प्रशांत भूषण के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण न्यायपालिका से जुड़े मसलों को लगातार सोशल मीडिया पर उठाते रहे हैं. प्रशांत भूषण ने अपने ट्वीट में कई ऐसे शब्दों का प्रयोग किया है जो आपत्तिजनक हैं. उन्होंने सीजेआई एसए बोबडे पर भी सवाल उठाये हैं और तंज कसा है. प्रशांत भूषण ने रथयात्रा की अनुमति दिये जाने पर भी सवाल उठाया था.
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प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं. वे भारत के पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण के पुत्र हैं. प्रशांत भूषण ने अपनी कानून की डिग्री इलाहाबाद से प्राप्त की है. वे अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में भी सक्रिय रूप से हिस्सेदार बने थे. इंडिया अगेन्स्ट करप्शन के प्रमुख सदस्य होने के साथ उन्होंने आम आदमी पार्टी के गठन में भी काफी सहयोग दिया था.
Posted By : Rajneesh Anand