Coronavirus: पीएम मोदी के वीडियो मैसेज पर प्रसून जोशी ने समर्पित की अपनी यह कविता
Prasoon Joshi Poem after PM Modi Video Message: पीएम मोदी के द्वारा कोरोना के खिलाफ लोगों को पांच अप्रैल के लिए आह्वाण करने के बाद मशहूर लेखक, कवि और पद्मश्री सम्मानित प्रसून जोशी ने एक कविता जारी किया है. इस कविता का शिर्षक है ''दीपक हूं मैं लालायित हूं''. उन्होंने कहा, कि मैं अपनी इस कविता के भाव को अंधेरे से लड़ने के लिए समर्पित करता हूं.
PM Modi Video Message: पीएम मोदी के द्वारा कोरोना के खिलाफ लोगों को पांच अप्रैल के लिए आह्वाण करने के बाद मशहूर लेखक, कवि और पद्मश्री सम्मानित प्रसून जोशी ने एक कविता जारी किया है. इस कविता का शिर्षक हैं ”दीपक हूं मैं लालायित हूं”. उन्होंने कहा, कि मैं अपनी इस कविता के भाव को अंधेरे से लड़ने के लिए समर्पित करता हूं.
Also Read: Aarogya setu app: आप किसी Corona संक्रमित के संपर्क में तो नहीं? आरोग्य ऐप से ऐसे करें पहचानइस कविता के जरिये उन्होंने पीएम मोदी का समर्थन करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जी ने कोरोना के अंधेरे से लड़ने के लिए हमसे पांच अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए साथ आने का आग्रह किया है. अत: हमें उनके बताए रास्ते पर चलना है और एक साथ जुड़ कर प्रकाश बनना है.
हमारे प्रधानमंत्री जी ने कोरोना के अंधेरे से लड़ने के लिए हमसे ५ अप्रैल को ९ बजे ९ मिनट के लिए साथ आने का आग्रह किया है,हमें ये करना है और जुड़ कर प्रकाश बनना है
— Prasoon Joshi (@prasoonjoshi_) April 3, 2020
अपनी ये कविता इसी भावना को समर्पित करता हूँ। #IndiaFightsCorona @narendramodi pic.twitter.com/NzNhb8XCAR
५ एप्रिल रात ९ बजे प्रधानमंत्री जी ने हमसे साथ आ कर एक संकल्प उठाने का आवाहन किया है,अपने अंदर एक ज्योति जगा कर और आत्मशक्ति को जागृत कर हम हर अंधकार को मिटा सकते हैं।#IndiaFightsCorona @narendramodi pic.twitter.com/CTB8bNU1hh
— Prasoon Joshi (@prasoonjoshi_) April 3, 2020
उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें लोगों से अपील कर कहा कि 5 अप्रैल रात 9 बजे प्रधानमंत्री जी ने हमसे साथ आ कर एक संकल्प उठाने का आवाहन किया है, अपने अंदर एक ज्योति जगा कर और आत्मशक्ति को जागृत कर हम हर अंधकार को मिटा सकते हैं.
पीएम मोदी की अपीलदीपक हूं मैं लालायित हूं
एक और दीप जलेगा मुझसे
यह आशा लेकर जीवित हूं
ज्योति रीति है मुझे निभानी
यह तम रेखा मुझे मिटानी
मुझे ध्वंस का अंश मिटाना
मुझे किरण पथ पर है जाना
मैं आशा लेकर जीवित हूं
दीपक हूं मैं लालायित हूं
सूर्य पुत्र हूं मैं उजाल हूं
मैं उन्न अंगार भाल हूं
बिंदु बिंदु झरते जाना है
मुझे तिमिर पीते जाना है
बस यही लक्ष्य लिए अर्पित हूं
दीपक हूं मैं लालायित हूं
आलोकित करना है पथ को
मुझे निभाना अग्नि शपथ को
मुझे दीप कर्तव्य निभाना
मुझे भोरे तक जलते जाना
इसी बोध से मैं कृत कृत हूं
दीपक हूं मैं लालायित हूं
एक और दीप जलेगा मुझसे
यह आशा लेकर जीवित हूं
– प्रसून जोशी
Also Read: आपके पास Corona Warrior बनने का सुनहरा मौका, रेलवे में निकली डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की वैकेंसी जानिए कौन है प्रसून जोशीपेशे से हिन्दी कवि, लेखक, पटकथा लेखक और बॉलीवुड में सिंगर भी है प्रसून जोशी. इनका जन्म 16 सितम्बर 1968 को हुआ था. फ़िल्म ‘तारे ज़मीन पर’ के गाने ‘मां…’ के लिए उन्हें ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ भी मिल चुका है. सेंसर बोर्ड के चेयरमैन भी रह चुके हैं.
प्रधानमंत्री ने दो बार पढ़ी प्रसून की कविताआपको ज्ञात होगा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 अप्रैल 2017 को लंदन में ‘भारत की बात सबके साथ’ कार्यक्रम के जरिए दुनिया को संबोधित किया था. उस दौरान प्रसून जोशी ने ही उनका दो घंटे 20 मिनट का इंटरव्यू लिया था. यह सबसे लंबा इंटरव्यू था.
Also Read: Bihar Board BSEB 10th Result 2020 LIVE Updates: ये पांच वेबसाइट और तीन स्टेप से आप मोबाइल पर ही देख सकते हैं 10वीं का परिणामप्रधानमंत्री मोदी ने दो बार उनकी कविता को पढ़ा है, पहली बार उन्होंने वर्ष 2014 में पढ़ा था और दूसरी बार पुलवामा में हुए आतंकी हमलों और पाकिस्तान के बालाकोट में कार्रवाई के बाद.