कोरोना महामारी की वजह से त्योहार फीका है. कई जगहों पर इस बार रावण दहन का कार्यक्रम रद्द किया गया है. कई जगहों पर आयोजन हो रहा है तो भीड़ ना हो इसका ध्यान रखा जा रहा है. लखनऊ के ऐतिहासिक ऐशबाग मैदान में पिछली बार 121 फीट ऊंचे रावण का दहन किया गया था. इस बार राणव की लंबाई महज 71 फीट रखी गयी है. पहली बार है जब मेघनाद और कुंभकर्ण का पुतला नहीं बनाया गया है.
Lucknow: Effigies being set up Aishbagh Ram Leela Ground for #Vijayadashami celebrations, pictorial representation of coronavirus seen on effigies.
The Ravana 'dahan' (burning of effigies) will be streamed online to avoid crowding, say organisers. pic.twitter.com/8MTN0kgXdu
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 25, 2020
इस बार रावण दहन के पीछे कोरोना दहण का भी संदेश छिपा है. राणव दहन में भीड़ ना हो लेकिन सब शामिल हो सके, इसके लिए विशेष व्यस्था की गयी है. रावण दहन का पूरा दृश्य लोग सोशल मीडिया के माध्यम से देख सकेंगे. यूपी सरकार की गाइडलाइन अनलॉक-5 के अनुसार 200 लोग शामिल हो सकते हैं लेकिन यहां भी नियम और शर्ते रखी गयी है. रावण दहण में आम दर्शकों के शामिल होने पर रोक है.
कई जगहों पर रावण दहन को लेकर रोक है. कई जगहों पर सामाजिक संस्थाओं ने खुद हालात को देखते हुए अपने हाथ पीछे खीच लिये है लेकिन यूपी के हाथरस में रोक होने के बाद भी कुछ लोगों ने रावण का पुतला तैयार कर लिया था.
यहां लोगों का मानना है कि कोरोना की वजह से 130 साल पुरानी परंपरा टूटनी नहीं चाहिए. इसी वजह से लोगों ने रावण का पुतला बनाया और रावण दहन की तैयारी कर ली. जिला प्रशासन द्वारा रावण दहन की अनुमति रामलीला कमेटी को नहीं दी गई. जिससे कमेटी के सदस्य नाराज है.
कई सालों से यूपी समेत देश के दूसरे राज्यों में रावण दहन की परंपरा चली आ रही है. कई जगहों पर रावण का पुतला बनाने वाले, इसके साथ जुड़ी कई परंपराओं में पीढ़ियों से लोग शामिल है. लखनऊ के एतिहासिक ऐशबाग मैदान में रावण का पुतला राजू फकीरा की पांचवी पीढ़ी बना रही है. यह परिवार पीढ़ियों से इस काम में लगा है.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak