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जोशीमठ में धीरे-धीरे बढ़ती जा रही दरारें, आज ढहाए जाएंगे असुरक्षित भवन, एजेंसियों ने जमाया डेरा

Joshimath Sinking: जोशीमठ में धंसती धरती के बीच अब प्रशासन बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है. स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित घरों और होटलों को गिराने का फैसला किया है.

Joshimath Sinking: जोशीमठ में आई प्राकृतिक दरारें धीरे-धीरे बढ़ती जा रही हैं. भू-धंसाव के कारण खतरा संभावित क्षेत्र से और लोगों को निकाला गया है. वहीं, प्रभावित मकानों की संख्या बढ़कर 723 से अधिक हो गयी है. जोशीमठ में धंसती धरती के बीच अब प्रशासन बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है. स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित घरों और होटलों को गिराने का फैसला किया है. इन सबके बीच, सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, जोशीमठ में आज असुरक्षित भवन ढहाए जाएंगे. इसी के मद्देनजर, एजेंसियों ने डेरा जमाया है.

जोशीमठ में दो होटलों को गिराने की तैयारी

इससे पहले, मंगलवार को उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ में जर्जर स्थिति में खड़े दो होटलों माउंट व्यू और मालारी इन को गिराने की तैयारी प्रशासन ने शुरू कर दी थी. लेकिन, मुआवजे के मुद्दे पर उनके मालिकों और स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. इन दोनों होटलों में हाल में बड़ी दरार आ गयीं और दोनों एक-दूसरे की ओर झुक गये हैं. इससे आसपास की इमारतों को खतरा पैदा हो गया है. इलाके में अवरोधक लगा दिये गये हैं और मंगलवार को इन होटल तथा आसपास के मकानों में बिजली आपूर्ति रोक दी गयी है. एसडीआरएफ के कर्मी जेसीबी के साथ मौके पर पहुंच गये हैं और लोगों को इन होटल से दूरी बनाने को कहा गया है. हालांकि, जब प्रशासन शाम को मलारी इन को गिराने वाला था तो इसके मालिक ठाकुर सिंह विरोध स्वरूप होटल के सामने सड़क पर लेट गये.

जानिए होटल मालिकों ने क्या कुछ कहा…

होटल मालिकों ने कहा कि उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से इस बारे में पता चला. उन्होंने मांग की कि होटल गिराने से पहले उन्हें एकमुश्त निपटान के लिए प्रशासन की ओर से आश्वासन मिलना चाहिए. प्रदर्शन में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी शामिल रहे. उन्होंने दावा किया कि इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि जिन लोगों की संपत्तियां गिराई जाएंगी, उन्हें मुआवजा कैसे मिलेगा. ठाकुर सिंह ने बाद में दावा किया कि उन्हें 2.92 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान भेजा गया और एसडीएम ने उस पर हस्ताक्षर करने को कहा. मैं इस पर दस्तखत कैसे कर सकता हूं. मैंने 2011 तक होटल को बनाने पर 6-7 करोड़ रुपये खर्च कर दिये थे. जहां तक लोगों की सुरक्षा की बात है, मैं राज्य सरकार के साथ हूं लेकिन मुआवजे के तौर पर मुझे जो राशि की पेशकश की जा रही है, उससे सहमत नहीं हूं. वहीं, माउंट व्यू होटल के मालिक लालमणि सेमवाल ने भी इसी तरह की चिंता जताते हुए कहा कि हमने अपने सारे संसाधन लगाकर यह होटल बनाया. हमने सरकार को नियमित कर अदा किया. तब उसने कुछ नहीं कहा और अब अचानक से इस तरह का फैसला आ जाता है. क्या यह मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं है?

रुड़की को होटलों को गिराने के काम में लगाया गया

आपदा प्रबंधन के सचिव रंजीत सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की को होटलों को गिराने के काम में लगाया गया है. लोगों को घरों से निकालने के प्रयास जारी रहने के बीच अब तक कुल 131 परिवार अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंच गये हैं, वहीं जोशीमठ में दरार पड़ने और जमीन धंसने से प्रभावित घरों की संख्या 723 हो गयी है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की चमोली इकाई ने मंगलवार को एक बुलेटिन में यह जानकारी दी. क्षेत्र में 86 घरों को असुरक्षित चिह्नित किया गया है. जिला प्रशासन ने ऐसे घरों के बाहर लाल निशान लगा दिये हैं.

एनसीएमसी ने जोशीमठ की स्थिति की समीक्षा

एनसीएमसी ने मंगलवार को जोशीमठ की स्थिति की समीक्षा की जहां इमारतों और अन्य ढांचों में दरारें आ गई हैं तथा इस बात पर जोर दिया कि तत्काल प्राथमिकता प्रभावित क्षेत्र से पूरी तरह से एवं सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने की होनी चाहिए. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एनसीएमसी की एक बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने इस बात पर जोर दिया कि संवेदनशील ढांचे को सुरक्षित तरीके से गिराने को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने दी ये जानकारी

उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने एनसीएमसी को वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी और बताया कि गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है. बयान में कहा गया है कि प्रभावित परिवारों को समायोजित करने के लिए जोशीमठ और पीपलकोटी में राहत आश्रयों की पहचान की गई है तथा राज्य सरकार द्वारा उचित मुआवजा एवं राहत उपाय प्रदान किए जा रहे हैं.

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से मुलाकात की

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने समिति को बताया कि सीमा प्रबंधन सचिव के नेतृत्व में गृह मंत्रालय के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय टीम वर्तमान में स्थिति के आकलन के लिए जोशीमठ में है. केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कस्बे के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाने के लिए जनहित में विध्वंस की कार्रवाई की जा रही है. मुख्य सचिव संधू ने सोमवार को जोशीमठ के उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में स्थित इमारतों को गिराने तथा प्रभावित लोगों की त्वरित निकासी का आदेश देते हुए कहा था कि एक-एक मिनट महत्वपूर्ण है. इससे पहले अधिकारियों ने सोमवार को कहा था कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित कस्बे की जनता के लिए एक राहत पैकेज पर काम कर रही है जिसका प्रस्ताव जल्द केंद्र को भेजा जाएगा.

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