17 मई को समंदर में उतरेंगे आईएनएस उदयगिरी और सूरत, स्वदेशी युद्धपोत लॉन्च की तैयारी पूरी

दोनों स्वदेशी युद्धपोत को नेवल डिजाइन निदेशालय ने तैयार किया है. आध्रं प्रदेश की पर्वत शृंखला के नाम से जाना जाने वाला आईएनएस उदयगिरी नौसेना के प्रोजेक्ट का तीसरा फ्रिगट युद्धपोत है. नौसेना के इस प्रोजेक्ट के तहत देश में ही 7 फ्रिगट तैयार किये जाने हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2022 4:42 PM
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आईएनएस उदयगिरी (INS udayagiri ) और आईएनएस सूरत (INS surat) को लेकर मुबंई के मझगांव डॉकयार्ड में तैयारी पूरी कर ली गयी है, 17 मई को समंदर में दोनों स्वदेशी युद्धपोत को उतारा जायेगा. लॉन्च के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे. भारतीय नौसेना ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों स्वदेशी युद्धपोत को नेवल डिजाइन निदेशालय ने तैयार किया है. आंध्र प्रदेश की पर्वत शृंखला के नाम से जाना जाने वाला आईएनएस उदयगिरी नौसेना के प्रोजेक्ट का तीसरा फ्रिगट युद्धपोत है. नौसेना के इस प्रोजेक्ट के तहत देश में ही 7 फ्रिगट तैयार किये जाने हैं.

शहर और पहाड़ों के नाम पर रखे गए दोनों युद्धपोत के नाम

आंध्र प्रदेश की पर्वत शृंखला के नाम पर आईएनएस उदयगिरी (यार्ड 12652) युद्धपोत का नाम रखा गया है. वहीं, सूरत शहर के नाम पर आईएनएस सूरत (यार्ड 12707) का नाम रखा गया है. इन दोनों युद्धपोत का निर्माण रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता दर्शाता है.

प्रोजेक्ट 17 ए के तहत युद्धपोत का निर्माण

भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17ए के तहत भारत में 7 फ्रिगट युद्धपोत को तैयार किया जाना है. जिनका हिस्सा आईएनएस उदयगिरी भी है. नौसेना के अनुसार, चार युद्धपोत का निर्माण मुंबई और 3 का जीआरएसई कोलकता में होना है. इनमें से एक युद्धपोत आईएनएस नीलगिरी एमडीएल में बना रहा है और दूसरा, आईएनएस हिमगिरी का निर्माण जीआरएसई द्वारा किया जा रहा है. नौसेना के इस प्रोजेक्ट के तहत बन रहे युद्धपोत शिवालिक-क्लास मिलाइल गाईडेट फ्रीगेट का फालो-ऑन प्रोजेक्ट है.

नौसेना ने 90 से अधिक युद्धपोतों को डिजाइन किया

भारतीय नौसेना ने अपने ऑफिशियल पेज में पोस्ट के माध्यम से जानकारी देते हुए कहा कि भारत ने आजादी से अबतक 9 विभिन्न वर्गों में 90 से अधिक युद्धपोतों को डिजाइन किया है. मेक इन इंडिया के एक राष्ट्रीय मिशन बनने से 50 वर्ष पहले से ही भारतीय नौसेना ने देश में पोत-निर्माण परितंत्र को बढ़ावा दिया. वहीं, वर्ष 1964 में घरेलू सेंट्रल डिज़ाइन ऑफिस के निर्माण के माध्यम से नौसेना ने देश में पोत-निर्माण की दिशा में रचनात्मक कदम उठाए हैं. इसी क्रम में भारतीय नौसेने ने युद्धपोतों के निर्माण में सफलता हासिल की है.

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