नयी दिल्ली : केंद्र सरकार गैसीय ऑक्सीजन (Gaseous Oxygen) के मेडिकल इस्तेमाल पर विचार कर रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने कहा कि सरकार वैसी औद्योगिक इकाइयों को चिह्नित किया जा रहा है, जो शहर के नजदीक हैं. वैसी इकाइयों की पहचान की जा रही है जो ऑक्सीजन (Oxygen) बनाती है और उसका मेडिकल इस्तेमाल किया जा सकता है. मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि अस्थायी कोविड केयर सेंटर बनाने की भी तैयारी है, जहां हर समय ऑक्सीजन की उपलब्धता रहेगी.
उन्होंने कहा कि 1500 पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र विकसित किए जा रहे हैं. ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए हम नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन संयंत्रों में बदलने पर भी काम कर रहे हैं. हमने 14 पीएसए नाइट्रोजन संयंत्रों को चिह्नित किया है. 37 प्लांट की पहचान पहले ही कर ली गयी है.
उन्होंने कहा कि देश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है. एक अगस्त 2020 को ऑक्सीजन का उत्पादन देश में 5,700 मीट्रिक टन था, जो अब लगभग 9,000 मीट्रिक टन हो गया है. हम विदेशों से भी ऑक्सीजन का आयात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जायेगी. सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि सभी अस्पतालों को पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन की सप्लाई होती रहे.
उन्होंने कहा कि दिल्ली, मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्यों में प्रतिदिन नये मामलों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. देश में 12 राज्य ऐसे हैं जहां 1 लाख से भी ज्यादा एक्टिव केस हैं. सात राज्यों में 50,000 से 1 लाख के बीच एक्टिव मामले हैं. 17 राज्य ऐसे हैं जहां 50,000 से भी कम सक्रिय मामलों की संख्या बनी हुई है.
देश में अब तक 81.77 प्रतिशत कोरोना संक्रमण के मामले ठीक हुए हैं. देश में करीब 34 लाख सक्रिय मामलों की संख्या बनी हुई है. अब तक संक्रमण से 2 लाख के करीब मृत्यु दर्ज की गयी है. पिछले 24 घंटे में देश में 3,417 लोगों की मृत्यु दर्ज की गयी है. रिकवरी रेट में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. दो मई को रिकवरी रेट 78 फीसदी था. जो 3 मई को 82 फीसदी दर्ज किया गया. ये अच्छे संकेत हैं. इसी प्रकार हम रिकवरी रेट के और अधिक होने की उम्मीद कर रहे हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.