राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- कुछ मामलों में साधन-सम्पन्न लोग अपराध करके भी स्वच्छंद घूमते हैं
President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कहा कि त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए अदालतों में स्थगन की संस्कृति को बदलने के प्रयास किए जाने की जरूरत है.
President Droupadi Murmu: जिला न्यायपालिका के दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, अदालतों में लंबित मामलों का होना हम सभी के लिए एक बड़ी चुनौती है. अदालतों में स्थगन की संस्कृति को बदलने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने की जरूरत है.
कुछ मामलों में साधन संपन्न लोग अपराध करके स्वच्छंद घूमते रहते हैं : राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, यह हमारे सामाजिक जीवन का एक दुखद पहलू है कि, कुछ मामलों में, साधन-सम्पन्न लोग अपराध करने के बाद भी निर्भीक और स्वच्छंद घूमते रहते हैं. जो लोग उनके अपराधों से पीड़ित होते हैं, वे डरे-सहमे रहते हैं, मानो उन्हीं बेचारों ने कोई अपराध कर दिया हो.
न्याय की रक्षा करना देश के सभी न्यायाधीशों की जिम्मेदारी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि न्याय की रक्षा करना देश के सभी न्यायाधीशों की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि अदालती माहौल में आम लोगों का तनाव का स्तर बढ़ जाता है. उन्होंने इस विषय पर अध्ययन का भी सुझाव दिया. उन्होंने महिला न्यायिक अधिकारियों की संख्या में वृद्धि पर भी प्रसन्नता व्यक्त की. इस कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हुए.
राष्ट्रपति ने कोर्ट के कार्य स्थानीय भाषा में भी कराने का दिया सुझाव
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, स्थानीय भाषा तथा स्थानीय परिस्थितियों में न्याय प्रदान करने की व्यवस्था करके शायद ‘न्याय सबके द्वार’ तक पहुंचाने के आदर्श को प्राप्त करने में सहायता होगी.
कारावास काट रही माताओं के बच्चों तथा बाल अपराधियों पर राष्ट्रपति ने कही ये बात
कभी-कभी मेरा ध्यान कारावास काट रही माताओं के बच्चों तथा बाल अपराधियों की ओर जाता है. उन महिलाओं के बच्चों के सामने पूरा जीवन पड़ा है. ऐसे बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए क्या किया जा रहा है इस विषय पर आकलन और सुधार हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.