राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने घोषणा की है कि भारत ने सूरीनाम में मूल भारतीय प्रवासियों के ‘ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया’ (ओसीआई) कार्ड के लिए पात्रता मानदंड को चौथी पीढ़ी से छठी पीढ़ी तक बढ़ाने का फैसला किया है, जो 150 साल पुराने द्विपक्षीय संबंधों में उनके महत्व को दर्शाता है.
452 भारतीय मजदूरों को लेकर पांच जून, 1873 को पहला जहाज पारामारिबो पहुंचा था
विदेश में बसे और वहां की नागरिकता ले चुके भारतीय लोगों के लिए ओसीआई कार्ड की सुविधा प्रदान की गई है. उल्लेखनीय है कि 452 भारतीय मजदूरों को लेकर पांच जून, 1873 को पहला जहाज ‘लल्ला रूख’ सूरीनाम की राजधानी पारामारिबो पहुंचा था. इनमें ज्यादातर मजदूर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे.
ओसीआई कार्ड भारत के साथ 150 साल पुराने संबंधों की महत्वपूर्ण कड़ी
द्रौपदी मुर्मू ने कहा, आज, इस ऐतिहासिक अवसर पर, मुझे इस मंच पर यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मेरी सरकार ने ओसीआई कार्ड के लिए पात्रता मानदंड को चौथी पीढ़ी से छठी पीढ़ी तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि ओसीआई कार्ड को भारत के साथ उनके 150 साल पुराने संबंधों की एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखा जा सकता है. उन्होंने प्रवासी भारतीयों से भारत के साथ अपने संबंधों को बनाए रखने के प्रयास जारी रखने का आग्रह किया.
पांचवीं और बाद की पीढ़ियां ओसीआई सुविधा से थीं वंचित
इससे पहले, ओसीआई सुविधा भारत से सूरीनाम पहुंचे समुदाय के मूल पूर्वजों की केवल चार पीढ़ियों तक के लिए ही थी. इसके परिणामस्वरूप, पांचवीं और बाद की पीढ़ियों से संबंधित समुदाय के कई युवा सदस्य इस लाभ से वंचित थे.
राष्ट्रपति मुर्मू सूरीनाम के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित
सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सूरीनाम के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ग्रैंड ऑर्डर ऑफ द चेन ऑफ द येलो स्टार’ से सम्मानित किया. राष्ट्रपति मुर्मू तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर रविवार को सूरीनाम पहुंची. पिछले साल जुलाई में राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली यात्रा है.
भारत एकजुटता और श्रद्धा के साथ सूरीनाम के साथ खड़ा: राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि विशाल भौगोलिक दूरियों, विभिन्न समय क्षेत्रों और सांस्कृतिक विविधता के बावजूद, भारतीय प्रवासी हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहे हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे समय में जब सूरीनाम अपने पूर्वजों की विरासत और भारत के साथ अपने संबंधों का जश्न मना रहा है, भारत एकजुटता और श्रद्धा के साथ सूरीनाम के साथ खड़ा है.