President Election Result 2022, Interesting Facts About Rashtrapati Bhawan, President House: एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है. तीसरे राउंड की गिनती में ही उन्होंने राष्ट्रपति बनने के लिए जरूरी 50 फीसदी वोट पा लिये. उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हरा दिया है. राष्ट्रपति पद की दौड़ में विजेता बनकर उभरी द्रौपदी मुर्मू को पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित विपक्षी दलों के नेताओं ने भी बधाई दी है. हम आपके लिए लेकर आये हैं उस भव्य इमारत की जानकारी, जहां द्रौपदी मुर्मू रहेंगी. यहां बात हो रही है रायसीना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन की. देश की सबसे बेहतरीन इमारतों में से एक राष्ट्रपति भवन के बारे में जानिए कुछ रोचक बातें-
देश की राजधानी दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन बाहर से देखने में जितना सुंदर लगता है, अंदर से वह उतना ही भव्य है. राष्ट्रपति भवन देखने में भव्य और सुंदर तो लगता ही है, लेकिन राष्ट्रपति भवन के अंदर भी बहुत सी खूबियां हैं. राष्ट्रपति भवन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रपति का निवास स्थान है. पहले यह ब्रिटिश वायसराय का आवास था. इसका निर्माण उस समय किया गया था, जब साल 1911 में यह तय हुआ था कि भारत की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली शिफ्ट किया जाएगा. तब इस आलीशान भवन के निर्माण में 17 साल लग गए थे. इसका निर्माण वर्ष 1912 से शुरू होकर 1929 में पूरा हुआ था. 26 जनवरी 1950 को इसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की स्थायी संस्था के रूप में बदल दिया गया.
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राष्ट्रपति भवन का निर्माण वास्तुकार एडविन लैंडसीयर लुटियंस ने किया था. चार मंजिले राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति ऑफिस, अतिथि कक्ष, कर्मचारी कक्ष समेत कुल 340 कमरे हैं. इसके अलावा दरबार हॉल, ड्राइंग रूम भी है. नॉर्थ ड्राइंग रूम में राष्ट्रपति दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करते हैं. वहीं, बैंक्वेट हॉल में पूर्व राष्ट्रपतियों की तस्वीरें लगी हैं. राष्ट्रपति भवन बनाने के लिए लगभग 45 लाख ईंटें लगायी गई थीं. राष्ट्रपति भवन में इमारत के अलावा मुगल गार्डन और कर्मचारियों का भी आवास है. भवन को बनाने में लगभग 29 हजार लोगों ने काम किया था. इस आलीशान भवन के निर्माण में 17 साल लग गए थे. भारत का राष्ट्रपति भवन दुनिया के कुछ सबसे बड़े सरकारी भवनों में से एक है. राष्ट्रपति भवन का मुख्य गुंबद सांची के बौद्ध स्तूप के समान है. यह राष्ट्रपति भवन को और अधिक आकर्षक बनाता है.
राष्ट्रपति भवन का दरबार हॉल खास है और यह हमेशा चर्चा में रहता है. इस हॉल का इस्तेमाल राजकीय समारोह, पुरस्कार वितरण के लिए किया जाता है. अंग्रजों के शासनकाल में दरबार हॉल को सिंहासन कक्ष कहा जाता था. इसमें दो सिंहासन वायसराय और वायसरीन के लिए होते थे. अब इसमें सिर्फ एक साधारण कुर्सी होती है, जो राष्ट्रपति के लिए होती है. यहां 5वीं शताब्दी के गुप्त काल से जुड़ी आशीर्वाद की मुद्रा वाली गौतमबुद्ध की मूर्ति है. इस हॉल की खासियत यह है कि राष्ट्रपति की कुर्सी के ठीक सीध में राजपथ के उस पार इंडिया गेट है. इसे इसी तरह डिजाइन किया गया है. दरबार हॉल में 33 मीटर की ऊंचाई पर 2 टन का झाड़फानूस लटका हुआ है. भवन के खंभों पर घंटियों की डिजाइन बनी है.
राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र है. 15 एकड़ में फैले इस गार्डन में ब्रिटिश और मुगल, दोनों के उद्यानों की झलक मिलती है. इस गार्डन को बनाने के लिए एडविन लुटियंस ने कश्मीर के मुगल गार्डन, जन्नत के बाग के साथ-साथ भारत और प्राचीन इरान के मध्यकाल के दौरान बनाये गए राजा-रजवाड़ों के बाग-बागीचों का भी अध्ययन किया था. यहां पौधरोपण लगाने का काम 1928 में शुरू हुआ, जो लगभग एक साल तक चला. यहां के फूलों के नाम राजाराम मोहन राॅय, जवाहर लाल नेहरू, मदर टेरेसा, क्वीन एलिजाबेथ, अब्राहम लिंकन, जॉन एफ केनेडी के अलावा महाभारत के अर्जुन, भीम के सहित अन्य महान विभूतियों के नाम पर रखे गए हैं.