जन्मभूमि पर कदम रखते ही भावुक हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, मिट्टी लेकर मस्तक पर लगाया
Ramnath Kovind, Birth place, Emotional picture, Native village : कानपुर : राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से रविवार को भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की एक भावनात्मक तस्वीर साझा की गयी. तस्वीर में कानपुर देहात जिले के परौंख गांव के पास हेलीपैड पर उतरने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भावपूर्ण भाव में अपनी जन्मभूमि पर नतमस्तक होकर मिट्टी का स्पर्श किया.
कानपुर : राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से रविवार को भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की एक भावनात्मक तस्वीर साझा की गयी. तस्वीर में कानपुर देहात जिले के परौंख गांव के पास हेलीपैड पर उतरने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भावपूर्ण भाव में अपनी जन्मभूमि पर नतमस्तक होकर मिट्टी का स्पर्श किया.
In a rare emotional gesture, after landing at the helipad near his village, Paraunkh of Kanpur Dehat district of Uttar Pradesh, President Ram Nath Kovind bowed and touched the soil to pay obeisance to the land of his birth. pic.twitter.com/zx6OhUchSu
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 27, 2021
वहीं, एक अन्य ट्वीट में राष्ट्रपति की ओर से ट्वीट किया गया है कि ”जन्मभूमि से जुड़े ऐसे ही आनंद और गौरव को व्यक्त करने के लिए संस्कृत काव्य में कहा गया है. जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी, अर्थात् जन्म देनेवाली माता और जन्मभूमि का गौरव स्वर्ग से भी बढ़ कर होता है.”
जन्मभूमि से जुड़े ऐसे ही आनंद और गौरव को व्यक्त करने के लिए संस्कृत काव्य में कहा गया है:
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी
अर्थात
जन्म देने वाली माता और जन्मभूमि का गौरव स्वर्ग से भी बढ़कर होता है।
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 27, 2021
मालूम हो कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिवसीय यात्रा पर रविवार को उत्तर प्रदेश पहुंचे. तय कार्यक्रम के मुताबिक, उन्होंने अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचे. यहां पहुंचने पर उन्होंने पथरी माता मंदिर गये और दर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने भी स्वागत किया.
इस मौके पर राष्ट्रपति के साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. जन्मभूमि पर कदम रखने के बाद राष्ट्रपति ने थोड़ी-सी मिट्टी उठायी और अपने मस्तक पर लगा कर जन्मभूमि के प्रति श्रद्धा जतायी.
राष्ट्रपति ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ”सपने में भी मैंने नहीं सोचा था कि मेरे जैसा गांव का साधारण बालक देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचेगा. लेकिन, हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने इसे भी संभव कर दिया. उन्होंने बचपन और दोस्तों को याद करते हुए कहा कि ”पैतृक गांव आकर खुशी हो रही है. आप जहां भी हैं, मैं भी हूं. मुझे केवल राष्ट्रपति के रूप में पहला नागरिक कहा जाता है.”