कृषि विधेयकों पर राष्ट्रपति ने विपक्ष को नहीं दिया समय, कांग्रेस ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि कृषि विधेयकों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से विपक्ष को समय नहीं दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण और खेदपूर्ण है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘हम सबको घोर निराशा हुई. इस देश के किसान, खेत मजदूर, 62 करोड़ गरीब और मेहनतकश को निराशा हुई. हमें उम्मीद थी कि महामहिम राष्ट्रपति जी सबसे पहले विपक्षी दलों से मिलेंगे, इस काले कानून को मंजूरी नहीं देंगे.'

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2020 9:54 PM

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि कृषि विधेयकों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से विपक्ष को समय नहीं दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण और खेदपूर्ण है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘हम सबको घोर निराशा हुई. इस देश के किसान, खेत मजदूर, 62 करोड़ गरीब और मेहनतकश को निराशा हुई. हमें उम्मीद थी कि महामहिम राष्ट्रपति जी सबसे पहले विपक्षी दलों से मिलेंगे, इस काले कानून को मंजूरी नहीं देंगे.’

उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति जी चुप हैं. राष्ट्रपति जी कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों से मिलने तक को तैयार नहीं हैं. देश के पहले नागरिक, जिनका कर्तव्य है कि अगर सरकार भटक जाए तो उसका कान मरोड़कर सीधे रास्ते पर लाएं. राष्ट्रपति जी भी समय नहीं दे रहे, कारण हमें मालूम नहीं परंतु ये दुर्भाग्यपूर्ण है और खेदपूर्ण है.’

सिद्धू ने कृषि विधेयकों को ‘काला कानून’ बताया, कहा इससे किसान बर्बाद हो जायेगा

पंजाब के विधायक एवं पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने संसद में पारित कृषि संबंधी विधेयकों को मंगलवार को ‘काला कानून’ करार दिया जो कृषक समुदाय को ‘बर्बाद’ कर देगा. क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने घोषणा की कि वह प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरेंगे. उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों, किसान संगठनों और प्रत्येक पंजाबी को इस किसान विधेयकों के क्रियान्वयन का मजबूती से विरोध करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए.

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सिद्धू ने कुछ दिन पहले ट्विटर का इस्तेमाल करते हुए किसानों के समर्थन में आवाज उठायी थी और कहा था, ‘पंजाब, पंजाबियत और पंजाबी किसानों के साथ है.’ संसद के दोनों सदनों ने कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों जैसे विपक्षी पार्टियों के विरोध के बीच कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी है. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 को मंगलवार को राज्यसभा में पारित कर दिया गया.

सिद्धू ने अपने यूट्यूब चैनल ‘जीतेगा पंजाब’ पर मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि वह इन विधेयकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा, ‘ये काले कानून लाकर, सरकार किसानों को दरकिनार कर रही है.’ सिद्धू ने यह भी सुझाव दिया कि कृषक समुदाय के हितों की रक्षा के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार किया जाए. उन्होंने छह रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘यह एक इस्तेमाल करो और फेंको नीति है.’

Posted By: Amlesh Nandan.

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