नई दिल्ली : भारत में 18वें राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए चुनाव आयोग की ओर से जल्द ही घोषणा की जाएगी. लोकसभा और राज्यसभा समेत देश के कई राज्यों में सत्ताधारी दल की स्थिति के मद्देनजर भाजपा के लिए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करना आसान हो सकता है. चुनाव आयोग राष्ट्रपति चुनाव के लिए 29 जून तक नामांकन दाखिल करा सकता है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए 15 जून को अधिसूचना जारी की जाएगी और 21 जुलाई को मतों की गिनती की जाएगी. इस बीच, आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए कौन नामांकन दाखिल कर सकता है और कौन वोट कर सकता है. आइए जानते हैं.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए देश करीब 4,033 विधायक और 776 सांसद समेत 4,809 वोटर मतदान कर सकते हैं. इसके लिए भारतीय संसद और देश के विधानसभाओं में मतदान कराए जाएंगे. इसमें राज्यसभा के महासचिव रिटर्निंग ऑफिसर तौर नियुक्त किए जाएंगे. संसद के दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा समेत राज्यों के विधानसभाओं के सदस्य या विधायक इसके निर्वाचक मंडल कहे जाते हैं, जो राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान कर सकते हैं. इस चुनाव में केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली और पुड्डुचेरी के विधायक भी मतदान कर सकते हैं. इसमें राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभाओं के नामित सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते हैं. इसके साथ ही, राज्य की विधान परिषदों के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं कर सकते. लोकसभा की तीन सीटों के उपचुनाव के बाद वोटरों की अंतिम सूची जारी की जाएगी.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए 15 जून को अधिसूचना जारी किए जाने के बाद 29 जून तक नामांकन दाखिल किया जा सकता है. नामांकनों की जांच 30 जून को होगी और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 2 जुलाई होगी. वर्ष 1997 से राष्ट्रपति चुनाव में मुकाबले के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष अपने-अपने उम्मीदवार उतार रहे हैं.
इसके लिए किसी प्रत्याशी को मैदान में उतारने के लिए कम से कम 50 सांसदों का प्रस्ताव करने के साथ 50 दूसरे सांसदों का समर्थन करना जरूरी है. इस मुख्य मकसद कमजोर उम्मीदवारों को मैदान से बाहर रखना है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन करने वाले को भारत का नागरिक होना आवश्यक है. उसे लोकसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचन के योग्य होने के साथ ही उसकी उम्र 35 साल होना जरूरी है. राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल का होता है.
राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को जमानत राशि के तौर पर 15,000 रुपये जमा कराने होते हैं. हालांकि, 1997 में जमानत की राशि महज 2,500 रुपये थी, जब प्रत्याशियों के प्रस्तावकों और समर्थन करने वाले की संख्या केवल 10 थी. इसके साथ ही, चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारी का दावा करने वाले व्यक्ति को केंद्र या राज्य या फिर राज्य और केंद्र सरकार के अधीनस्थ किसी भी स्थानीय निकाय में लाभ के पदों पर आसीन नहीं होना चाहिए.
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इसके साथ ही, चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोई भी वोटर प्रस्तावक या समर्थन करने के लिए एक से अधिक नामांकन पत्र नहीं ले सकता है. उसने कहा है कि यदि कोई ऐसा करता है तो उसका हस्ताक्षर पहले से दिए गए नामांकन के अलावा किसी दूसरे नामांकन के लिए नामंजूर कर दिया जाएगा. इसके साथ ही किसी उम्मीदवार द्वारा या फिर उसकी ओर से चार से अधिक नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया जा सकता.
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