केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के 29 अधिकारियों को गणतंत्र दिवस के मौके पर पुलिस पदक से सम्मानित किया जायेगा. इन अधिकारियों में वैसे लोगों के नाम शामिल है जिन्होंने बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के मामलों की जांच कर रहे हैं इसके अलावा रेलवे में रिश्वत के बड़े मामलों का भंडाफोड़ करने वाले एक अधिकारी एजेंसी के उन 29 कर्मियों में शामिल हैं जिन्हें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस पदक से सम्मानित किया गया.
तत्कालीन केंद्रीय मंत्री शीला कौल से कथित रूप से जुड़े आवास घोटाले, नेवल वार रुम लीक मामले, एक प्रवासी व्यवसायी के अपहरण और उसकी रिहाई के अलावा अन्य उच्च प्रोफ़ाइल भ्रष्टाचार रोधी मामलों की जांच का नेतृत्व करने वाले संयुक्त निदेशक रमनीश गीर को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का प्रतिष्ठित पुलिस पदक दिया गया है. इसके अलावा सीबीआई के उन चार संयुक्त निदेशकों को भी शामिल किया गया है जिसमें पिछले साल पश्चिम बंगाल राज्य विधानसभा चुनाव के बाद सामने आये हिंसा के मामलों की निगरानी के लिए दिल्ली से पश्चिम बंगाल भेजा गया था.
इसके साथ ही आठ अधिकारियों को भी पदक दिया गया है जिनमें एसपी सतीश कुमार राठी, अनिल कुमार यादव, डिप्टी एसपी नट राम मीणा, एएसआई बंसीधर बिजार्निया और हेड कांस्टेबल महबूब हसन का नाम शामिल हैं. सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक डीआईजी अखिलेश कुमार सिंह सहित एजेंसी के 23 अधिकारियों को दिये गए, जो पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के कई मामलों के प्रभारी भी हैं.
एक अन्य डीआईजी नितिन दीप ब्लागन को भी सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है जिन्होंने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के एक वरिष्ठ इंजीनियर से जुड़े एक करोड़ रुपये रिश्वत मामले सहित कई हाई प्रोफाइल भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की. पदक पाने वाले अन्य कर्मियों में अतिरिक्त एसपी अरविंद कुमार उपाध्याय, डिप्टी एसपी आनंद कृष्णन टीपी, संजय कुमार गौतम, विकास कुमार पाठक, आलोक कुमार शाही और सुब्रमण्यम देवेंद्रन, इंस्पेक्टर नकुल सिंह यादव, अमित कुमार, राकेश रंजन और महेश विजय पारकर, उप निरीक्षक अनिल कुमार, एएसआई धर्मिंदर सिंह, हेड कांस्टेबल चंदर पाल, लोगनाथन रंगासामी, के वी जगन्नाथ रेड्डी, हरभान सिंह और महेश माधवराव गजरलवार, कांस्टेबल आर. जयशंकर और कौशल्या देवी, कार्यालय अधीक्षक ओम प्रकाश नैथानी और अपराध सहायक सत्यब्रत साहा शामिल हैं