जयपुर : राजस्थान के राजसमंद में कुछ बदमाशों द्वारा पेट्रोल बम फेंके जाने से पुजारी नवरत्न प्रजापति की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी का अस्पताल में इलाज चल रहा है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बदमाशों के इस हमले में पुजारी नवरत्न प्रजापति की मौत के बाद पुलिस ने उनका शव परिजनों को सौंप दिया, लेकिन परिजन और स्थानीय नेता मिलकर उनका शव लेकर देवगढ़ उपखंड अधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने पहुंचकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने लगे. खबर यह भी है कि इस प्रदर्शन में राजसमंद की सांसद दीया कुमार भाजपा के नेताओं के साथ शामिल हुईं.
नेताओं के प्रदर्शन से पहले देवगढ़ (राजसमंद) के थानाधिकारी प्रताप सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पुजारी नवरत्न प्रजाति की शनिवार को उदयपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. उनकी पत्नी का भी उसी अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि पेट्रोल बम के हमले से नवरत्न प्रजापति लगभग 80 फीसदी झुलस चुके थे, जबकि उनकी पत्नी जमना 35 फीसदी झुलसी हैं. उन्होंने कहा कि इस घटना के सिलसिले में अब तक कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, पुजारी के परिजन शव लेकर देवगढ़ के उपखंड अधिकारी एसडीएम कार्यालय पहुंचे और परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी देने सहित अन्य मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया. राजसमंद की सांसद दीया कुमारी और पार्टी के अन्य स्थानीय नेता भी पहुंचे और घटना के खिलाफ धरने में शामिल हो गए.
मीडिया के रिपोर्ट के अनुसार राजसमंद जिले में हीरा की बस्ती इलाके में पिछले रविवार की रात पुजारी नवरत्न प्रजापति (72) पत्नी जमना के साथ एक छोटे से आवास में भोजन कर रहे थे. तभी 8-10 लोगों ने उन पर कथित रूप से पेट्रोल बम फेंक दिया, जिससे वे दोनों झुलस गए. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कुछ स्थानीय लोगों को प्रजापति के एक स्थानीय देवनारायण मंदिर के पुजारी होने पर आपत्ति थी और वे वहां किसी और को लाना चाहते थे.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, साथ ही मंदिर की जमीन को लेकर भी विवाद चल रहा था और इस विवाद का मामला राजसमंद के देवगढ़ की दीवानी अदालत में पहले से चल रहा था. मामले में अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होनी है. नवरत्न ने दो-तीन बार पुलिस से संपर्क किया था और आरोपियों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर से शिकायत भी की थी.
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पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उन्होंने देवगढ़ थाने के थानाधिकारी को कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन उन्होंने मामले को थाने के तहत आने वाली स्थानीय चौकी में भेज दिया और आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. पुजारी को पहले भी धमकाया गया था और आरोपियों के खिलाफ शिकायत भी की गई थी, लेकिन इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. पुजारी पर हमले की घटना होने के बाद स्थानीय थानाधिकारी और एक चौकी प्रभारी को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया.