नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष के गठन की घोषणा की जहां लोग कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार की लड़ाई में मदद एवं योगदान दे सकते हैं.
मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष स्वस्थ भारत बनाने में काफी सहायक होगा. उन्होंने कहा, कोविड-19 के खिलाफ भारत के युद्ध में सभी वर्गों से लोगों ने दान देने की इच्छा व्यक्त की थी. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कोष का गठन इसी भावना को ध्यान मे रखते हुए किया गया है.
देशभर से लोगों ने COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करने की इच्छा जाहिर की है।
— Narendra Modi (@narendramodi) March 28, 2020
इस भावना का सम्मान करते हुए Prime Minister’s Citizen Assistance and Relief in Emergency Situations Fund का गठन किया गया है। स्वस्थ भारत के निर्माण में यह बेहद कारगर साबित होगा।
पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, देशवासियों से मेरी अपील है कि वे कृपया PM-CARES फंड में अंशदान के लिए आगे आएं. इसका उपयोग आगे भी इस तरह की किसी भी आपदा की स्थिति में किया जा सकता है. इस लिंक में फंड के बारे में सभी महत्वपूर्ण विवरण दिए गए हैं.
देशवासियों से मेरी अपील है कि वे कृपया PM-CARES फंड में अंशदान के लिए आगे आएं। इसका उपयोग आगे भी इस तरह की किसी भी आपदा की स्थिति में किया जा सकता है। इस लिंक में फंड के बारे में सभी महत्वपूर्ण विवरण दिए गए हैं। https://t.co/wOHWrqoviH
— Narendra Modi (@narendramodi) March 28, 2020
PM-CARES फंड माइक्रो डोनेशन को भी स्वीकार करता है. यह आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करेगा, साथ ही नागरिकों की सुरक्षा पर रिसर्च को प्रोत्साहित करेगा. आइए, अपनी भावी पीढ़ियों के लिए हम भारत को स्वस्थ और समृद्ध बनाने में कोई कसर न छोड़ें.
PM-CARES फंड माइक्रो डोनेशन को भी स्वीकार करता है। यह आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करेगा, साथ ही नागरिकों की सुरक्षा पर रिसर्च को प्रोत्साहित करेगा।
— Narendra Modi (@narendramodi) March 28, 2020
आइए, अपनी भावी पीढ़ियों के लिए हम भारत को स्वस्थ और समृद्ध बनाने में कोई कसर न छोड़ें। pic.twitter.com/CdtKOSCcKs
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले सुझाव दिया कि आयुष दवा निर्माता अपने संसाधनों का उपयोग सेनिटाइजर जैसी आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन के लिए कर सकते हैं, इसको ध्यान में रखते हुए कि कोरोना वायरस प्रकोप के बाद ऐसी वस्तुओं की मांग बढ़ गई है.
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे निराधार दावों से निपटने की आवश्यकता है कि आयुष के पास इस बीमारी का इलाज है. आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धि और होम्योपैथी दवा प्रणाली आयुष के तहत आती है जिसके लिए एक अलग केंद्रीय मंत्रालय है. मोदी ने ये टिप्पणी आयुष चिकित्सकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करते हुए की प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान के अनुसार मोदी ने इस कठिन समय के दौरान मस्तिष्क को तनाव मुक्त करने और शरीर को मजबूत बनाने के लिए आयुष मंत्रालय के योग एट होम को बढ़ावा देने और प्रयासों की प्रशंसा की.
इसमें कहा गया, प्रधानमंत्री ने आयुष के पास रोग का इलाज होने के निराधार दावे से निपटने और तथ्य जांच के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि आयुष वैज्ञानिकों, आईसीएमआर, सीएसआईआर और अन्य अनुसंधान संगठनों को साक्ष्य-आधारित शोध के साथ सामने आना होगा.
मोदी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सरकार इस घातक वायरस के प्रसार का मुकाबला करने के लिए आयुष की प्रैक्टिस करने वाले निजी डॉक्टरों से मदद लेगी. उन्होंने आयुष चिकित्सकों से टेलीमेडिसिन का उपयोग जनता तक पहुंच बनाने और महामारी से लड़ने के लिए निरंतर जागरूकता उत्पन्न करने के लिए करने का भी आग्रह किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनियाभर में भारत की पारंपरिक दवाओं और चिकित्सा पद्धतियों के बारे में जागरूकता पैदा करना महत्वपूर्ण है. बयान में कहा गया है कि मोदी ने लोगों की सेवा के लिए लगातार प्रयास करने के लिए आयुष चिकित्सकों को धन्यवाद दिया और कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला.