PM Modi CM Video Conference : लॉकडाउन बढ़ेगा या होगा खत्‍म, जानें, मुख्‍यमंत्रियों ने क्‍या दिये सुझाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार (5th video conference meeting with Chief Ministers ) को कहा कि पूरी दुनिया मानती है कि भारत खुद को कोविड-19 से सफलतापूर्वक सुरक्षित रख पाया है जिसमें राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

By Agency | May 11, 2020 9:35 PM
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नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि पूरी दुनिया मानती है कि भारत खुद को कोविड-19 से सफलतापूर्वक सुरक्षित रख पाया है जिसमें राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

उन्होंने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद में कहा कि आगे के रास्ते और सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर संतुलित रणनीति बनानी होगी और लागू करनी होगी.

मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत में कहा, आज आप जो सुझाव देते हैं, उसके आधार पर हम देश की आगे की दिशा तय कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया मानती है कि भारत खुद को कोविड-19 से सफलतापूर्वक सुरक्षित रख पाया है, राज्यों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा, जहां भी हमने सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया, हमारी समस्याएं बढ़ गयीं. उन्होंने कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती रियायतों के बाद भी कोविड-19 को गांवों तक फैलने से रोकने की होगी.

निरुद्ध क्षेत्रों को छोड़ शेष दिल्ली में आर्थिक गतिविधियां शुरू हों : केजरीवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि निरुद्ध क्षेत्रों को छोड़कर राष्ट्रीय राजधानी के बाकी इलाकों में आर्थिक गतिविधियां दोबारा शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

बंगाल को बनाया जा रहा निशाना : ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि कोविड-19 को लेकर उनके राज्य को राजनीतिक रूप से निशाना बनाया जा रहा है. उन्‍होंने कहा, एक ओर तो केंद्र चाहता है कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन का कड़ाई से पालन हो, वहीं दूसरी ओर वह ट्रेन सेवाएं बहाल कर रहा है.

लॉकडाउन पर सावधानी से लें फैसला : उद्धव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साफ कर दिया है कि वो लॉकडाउन में कोई ढील नहीं देना चाहते. उन्‍होंने कहा, मई में कोरोना के मामले चरम पर होने की उम्मीद है, यह जून या जुलाई में भी चरम पर पहुंच सकता है. उन्‍होंने कहा, मैंने पढ़ा है कि वुहान कोरोना मामलों की दूसरी लहर देख रहा है, यहां तक कि डब्ल्यूएचओ ने इस बारे में चेतावनी दी है. इसलिए, मेरा सुझाव है कि लॉकडाउन पर कोई कार्रवाई सावधानी से की जानी चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने, लॉकडाउन से चरणबद्ध तरीके से बाहर निकलने और आर्थिक गतिविधियां तेज करने के उपायों पर मुख्यमंत्रियों से बातचीत की.

शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण भारत की तरफ श्रमिकों के पलायन और मजदूरों के अपने घर जाने से आर्थिक गतिविधियों की बहाली में आने वाली समस्याओं पर भी इस बैठक में चर्चा की गयी. कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पांचवीं बार मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की. मुख्यमंत्रियों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद रहे.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू समेत कई मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल हुए.

गौरतलब है कि रविवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ बैठक के दौरान राज्यों के मुख्य सचिवों ने उन्हें बताया था कि कोविड-19 से सुरक्षा जरूरी है, लेकिन साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी चरणबद्ध तरीके से बहाल करने की जरूरत है.

प्रधानमंत्री द्वारा मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली बार 27 अप्रैल को बातचीत किये जाने के बाद से कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है, जो 28,000 के आंकड़े से बढ़ कर करीब 67,000 पर पहुंच गई है.

बैठक के कुछ दिनों बाद केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि और दो हफ्तों के लिये 17 मई तक बढ़ा दी थी. हालांकि, आर्थिक गतिविधियों और लोगों की आवाजाही में कुछ छूट दी गई थी। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च से लागू है. लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त होने से कुछ ही दिन पहले यह बैठक हो रही है. दूसरा चरण तीन मई को समाप्त हुआ था, जबकि पहला चरण 14 अप्रैल को समाप्त हुआ था.

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