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तिहाड़ जेल के कैदी भी बनेंगे पेशेवर खिलाड़ी, IOCL करेगा स्पांसर

दिल्ली के पुलिस महानिदेशक (कारावास) संदीप गोयल ने कहा कि आईओसीएल की साझेदारी में जल्द कैदी विभिन्न खेलों में पेशेवर कोच से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे.

नयी दिल्ली: तिहाड़ जेल में बंद कैदी अब पेशेवर खिलाड़ी बनेंगे. दिल्ली का कारागार विभाग की नयी पहल के तहत जल्द ही तिहाड़ जेल में बंद कैदियों को विभिन्न तरह के खेलों का पेशेवर प्रशिक्षण देगा. यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी.

जेल अधिकारियों ने बताया कि छत्रसाल स्टेडियम में मारपीट में एक पहलवान की मौत मामले में गिरफ्तार दो बार के ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार को भी इन गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति दी जायेगी, अगर वह रुचि दिखाते हैं.

एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने कहा, ‘सुशील कुमार कुश्ती में प्रशिक्षित हैं, लेकिन नयी पहल के तहत आयोजित खेलों जैसे बैडमिंटन, वॉलीबॉल में अगर वह रुचि दिखाते हैं, तो उन्हें उन खेल गतिविधियों में प्रतिभागी के तौर पर शामिल होने की अनुमति दी जायेगी.’

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जेल अधिकारी ने कहा कि यह पहली बार होगा, जब तिहाड़ जेल के कैदियों को कोच (प्रशिक्षक) की मदद से अधिक पेशेवर और वैज्ञानिक तरीकों से खेलों का प्रशिक्षण दिया जायेगा.

उन्होंने बताया कि इस पहल के तहत 6 खेलों (खो-खो, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, शतरंज और कैरम) का प्रशिक्षण दिया जायेगा और इसे सीएसआर योजना के तहत इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) प्रायोजित करेगा.

जेल प्रशासन के मुताबिक, आईओसीएल सप्ताह में दो बार इन खेलों के पेशेवर कोच को कैदियों के प्रशिक्षण के लिए तिहाड़ जेल भेजेगा. वरिष्ठ जेल अधिकारी ने बताया कि कंपनी ही इन खेलों के आवश्यक उपकरण और प्रत्येक खेल में 20 कैदियों के लिए जर्सी मुहैया करायेगी.

खेल से सकारात्मक और स्वस्थ माहौल बनाने में मिलेगी मदद

दिल्ली के पुलिस महानिदेशक (कारावास) संदीप गोयल ने कहा कि आईओसीएल की साझेदारी में जल्द कैदी विभिन्न खेलों में पेशेवर कोच से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने कहा, ‘ऐसी गतिविधियों से कारागार में सकारात्मक और स्वस्थ माहौल बनाने में मदद मिलेगी. इससे कैदियों की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में मोड़ने में मदद मिलेगी और इससे भी महत्वपूर्ण है कि इससे उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी.’

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जेल अधिकारियों ने कहा कि रुचि रखने वाले या पहले ही प्रशिक्षित कैदी पेशेवर कोच से प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, ताकि वे अन्य कैदियों को भी इन खेलों से जोड़ सकें. उन्होंने बताया कि तिहाड़ में छह नंबर की जेल में बंद महिला कैदियों को बैडमिंटन, शतरंज और कैरम का प्रशिक्षण दिया जायेगा. इससे कैदियों को सालाना होने वाली अंतर जेल खेल प्रतियोगिता में प्रदर्शन सुधारने में भी मदद मिलेगी.

एक माह में कोरोना का कोई नया केस नहीं

जेल अधिकारियों ने बताया कि निकट भविष्य में पेशेवर खेल गतिविधि की शुरुआत रोहिणी और मंडोली की जेलों में भी की जायेगी. जेल अधिकारियों ने बताया कि करीब एक महीने में तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेलों के कैदियों और कर्मचारियों में कोविड-19 का कोई नया मामला नहीं आया है.

Posted By: Mithilesh Jha

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