नयी दिल्ली : विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने केरल में मानसून की दस्तक को गलत बताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा ‘ सोशल मीडिया में केरल में मानसून की दस्तक वाली खबर सही नहीं है मानसून केरल तक नहीं पहुंचा अभी. इसके साथ ही उन्होंने लिखा की मौसम विभाग का प्रामाणिक जानकारी के लिए कथन इस प्रकार है ‘ ज्ञान का सबसे बड़ा दुश्मन अज्ञानता नहीं है, यह ज्ञान का भ्रम है-स्टीफन हॉकिंग
दक्षिण-पश्चिम मानसून अपनी शुरुआत से पहले केरल में आ चुका है, निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर ने शनिवार को घोषणा की, लेकिन भारत के आधिकारिक फोरकास्टर आईएमडी ने कहा कि घोषणा के लिए अभी तक स्थितियां पक्की नहीं हैं. स्काईमेट वेदर के सीईओ जतिन सिंह ने कहा कि केरल के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन की घोषणा करने के लिए बारिश, आउटवेव लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) मूल्य और हवा की गति जैसी सभी स्थितियों को पूरा किया गया है.
निजी फोरकास्टर ने ट्वीट कर बताया मानसून 2020 आखिरकार भारत की भूमि पर आ गया मॉनसून वास्तविक शुरुआत की तारीख से पहले केरल पहुंच गया. वर्षा, ओएलआर मूल्य, हवा की गति सहित सभी शुरुआत की शर्तें पूरी की जाती हैं. अंत में, भारतीय के लिए 4 महीने का लंबा त्योहार शुरू होता है.
केरल में मानसून की शुरुआत देश में चार महीने की बारिश के मौसम की शुरुआत होती है. देश में जून से सितंबर तक 75 फीसदी बारिश होती है.स्काईमेट ने भविष्यवाणी की थी कि मानसून 28 मई को केरल में प्लस या माइनस 2 दिनों के त्रुटि मार्जिन के साथ आएगा. जबकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा था कि मानसून अपनी सामान्य शुरुआत की तारीख के चार दिन बाद 5 जून को केरल में शुरुआत करेगा.
हालांकि, इस सप्ताह की शुरुआत में, इसने कहा कि बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती परिसंचरण मॉनसून की प्रगति में मदद करेगा और यह 1 जून को केरल में पहुंच सकता है, इसकी सामान्य शुरुआत तिथि.आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि केरल में मॉनसून की शुरुआत की घोषणा करना अभी भी सही नहीं है
आईएमडी के अनुसार, मानसून की शुरुआत की घोषणा करने के लिए तीन प्रमुख स्थितियां हैं.पहला, अगर 10 मई के बाद 14 मौसम स्टेशनों में से 60 फीसदी – मिनिकॉय, अमिनी, तिरुवनंतपुरम, पुनालुर, कोल्लम, अल्लापुझा, कोट्टायम, कोच्चि, त्रिशूर, कोझीकोड, थालास्सेरी, कन्नूर, कुडुलु और मैंगलोर – बारिश की रिपोर्ट लगातार दो दिनों के लिए 2.5 मिलीमीटर या उससे अधिक, दूसरे दिन केरल की शुरुआत घोषित की जाएगी.
दूसरा है कि वेस्टरलीज़ की गहराई 600 हेक्टोस्पैजल (hPa) तक बनाए रखी जानी चाहिए और तीसरा है आउटवेव लॉन्गवेव रेडिएशन 200 वाट प्रति वर्ग मीटर (wm-2) से नीचे होना चाहिए.
Posted By : Mohan Singh