karnataka: ‘पहले अपनी सरकार में दी जा रही रेवड़ियों के बारे में बताए बीजेपी’, प्रियांक खरगे का पलटवार

बीजेपी के आईटी हेड अमित मालवीय ने कर्नाटक में कांग्रेस द्वारा दी जा जा रही मुफ़्त सुविधाओं को रेवड़ी बताते हुए कांग्रेस की आलोचना के बाद कर्नाटक में कांग्रेस के विधायक और कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने पलटवार किया है.

By Abhishek Anand | June 15, 2023 2:27 PM

बीजेपी के आईटी हेड अमित मालवीय ने कर्नाटक में कांग्रेस द्वारा दी जा जा रही मुफ़्त सुविधाओं को रेवड़ी बताते हुए कांग्रेस की आलोचना के बाद कर्नाटक में कांग्रेस के विधायक और कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने पलटवार किया है. प्रियांक ने कहा- अमित मालवीय को पहले अपनी सरकार में दी जा रही रेवड़ियों के बारे में बताना चाहिए. मध्य प्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री ने छात्राओं को मुफ्त स्कूटी देने की घोषणा की है. क्या वह रेवड़ी नहीं? मुझे नहीं पता कि भाजपा को महिला सशक्तिकरण से इतनी दिक्कत क्यों है. मैं अमित मालवीय से अपील करता हूं कि पहले वे अपनी सरकारों को देखें फिर कुछ कहें.


अमित मालवीय ने साधा था निशाना 

आपको बाताएं की कुछ दिनों पहले ट्वीट कर कर्नाटक कांग्रेस पर निशाना साधा था. मालवीय ने लिखा था, ‘ रेवड़ी की राजनीति कर्नाटक में पहले से ही तबाही मचा रही है . कर्नाटक सरकार का वित्त विभाग KSRTC और BMTC सहित RTCs को सूचित करता है कि वह मजदूरी और ईंधन व्यय के भुगतान के लिए अतिरिक्त अनुदान प्रदान नहीं कर सकता है. क्या कांग्रेस अब मुफ्त बस यात्रा का वादा अपनी जेब से करेगी?’


कांग्रेस की पांच गारंटी 

बाताएं कि, कांग्रेस ने कर्नाटक में सत्ता में आने के पहले दिन ‘पांच गारंटी’ लागू करने का वादा किया था. इन वादों में सभी घरों (गृह ज्योति) को 200 यूनिट मुफ्त बिजली, हर परिवार की महिला मुखिया (गृह लक्ष्मी) को 2,000 रुपये मासिक सहायता, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवार (अन्न भाग्य) के प्रत्येक सदस्य को 10 किलोग्राम मुफ्त चावल, बेरोजगार स्नातक युवाओं के लिए हर महीने 3,000 रुपये और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों (दोनों 18-25 आयु वर्ग में) को दो साल के लिए 1,500 रुपये (युवा निधि) और सार्वजनिक परिवहन बसों (शक्ति) में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा शामिल हैं.

पांच गारंटी पर विशेषज्ञोंकी राय 

वहीं विशेषज्ञों के माने तो कांग्रेस द्वारा किए गए पांच ‘गारंटी’ के वादे को लागू करने से राज्य के खजाने पर हर साल करीब 50,000 करोड़ रुपये का भार पड़ सकता है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 10 मई के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को शानदार जीत दिलाने में पांच ‘गारंटी’ का खासा योगदान रहा है.

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