नयी दिल्ली : शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिख कर एक विशेष समुदाय की महिलाओं की लाइव नीलामी प्रसारित करनेवाले यू-ट्यूब चैनल और एक मोबाइल ऐप के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.
Shiv Sena MP Priyanka Chaturvedi writes to IT Minister Ashwini Vaishnaw requesting him to take strict actions against a YouTube channel "that ran a live auction of women of a particular community" & an app that had posted pics of several women from their social media websites. pic.twitter.com/ylw398mQ1p
— ANI (@ANI) July 30, 2021
साथ ही उन्होंने कहा है कि इनमें कई ऐसी महिलाओं की तस्वीरें भी शामिल हैं, जिन्होंने अपनी सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट की थीं. इन तस्वीरों को बिना उनकी जानकारी के ले लिया गया है, जिससे महिलाओं को शर्मिंदगी और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.
शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा है कि ”जिस तरह से ‘सुल्ली डील्स’ के माध्यम से एक धर्म की महिलाओं को लक्षित किया जा रहा था, वो बेहद ही अफसोसजनक और निंदनीय है.” उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री को पत्र लिख कर महिलाओं की गरिमा की रक्षा के लिए कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.
जिस तरह से ‘Sulli deals’ के माध्यम से एक धर्म की महिलाओं को target किया जा रहा था वो बेहद ही अफ़सोसजनक और निंदनीय है, इस संदर्भ में IT मंत्री को मेरा पत्र। https://t.co/Z2simpATVM
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) July 30, 2021
आदरणीय अश्विनी जी
मैं यह पत्र साइबरस्पेस में महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित कुछ घटनाओं को आपके संज्ञान में लाने के लिए लिख रही हूं. कुछ महीने पहले, एक यूट्यूब चैनल ‘लिबरल डॉज’ ने एक विशेष समुदाय से संबंधित महिलाओं की लाइव ‘नीलामी’ चलायी थी. लोग महिलाओं को उनके शारीरिक बनावट के आधार पर बोली और रेटिंग दे रहे थे और अपमानजनक टिप्पणियां लिख रहे थे.
हाल ही में, कई महिलाओं की तस्वीरें सामने आयी हैं. उनकी जानकारी या सहमति के बिना ‘सुल्ली डील’ नामक ऐप पर अपलोड किया गया था, जिसमें पत्रकारों सहित विभिन्न व्यवसायों की कई महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट की गयी थीं, जो उनकी सोशल मीडिया वेबसाइटों से ली गयी थीं. ऐप पर लक्षित महिलाओं को उनके बाद धमकियों, शर्मिंदगी और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. तस्वीरें बिना सहमति के लगायी गयी थीं. ऐप का उद्देश्य एक विशेष समुदाय से संबंधित महिलाओं को नीचा दिखाना और अपमानित करना था.
इस भयावह घटना ने महिलाओं को झकझोर कर रख दिया है. कुछ महिलाओं ने तब से अपने सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट कर दिये हैं और कई अन्य ने कहा कि उन्हें और उत्पीड़न का डर है. एक महिला की गरिमा को प्रताड़ित करने और उस पर हमला करने के लिए सोशल और डिजिटल मीडिया का दुरुपयोग निराशाजनक है.
एक ऐसे देश में जहां महिलाएं पहले से ही लैंगिक पूर्वाग्रह से जूझ रही हैं, ये घटनाएं फिर से महिलाओं की सुरक्षा और सुरक्षा को उजागर करती हैं, खासकर साइबर स्पेस में. हालांकि, दिल्ली और नोएडा पुलिस ने मामले दर्ज किये हैं, लेकिन अब तक कोई वास्तविक प्रगति नहीं हुई है. ऐसे मामलों के लिए कड़े और कुशल निवारक कानूनों और दंड की कमी ही अपराधियों को प्रेरित करती है.
मुझे यह देखकर दुख होता है कि इस मामले की गंभीरता के बावजूद अब तक शायद ही कोई आंदोलन किया गया हो. इसलिए मेरा आपसे अनुरोध है कि इस तरह के उपद्रव से निबटने के लिए तत्काल और सख्त कार्रवाई करें, ताकि हमारे समाज की महिलाओं की गरिमा की रक्षा हो सके, जैसा कि किसी भी जिम्मेदार सरकार को करना चाहिए.
प्रियंका चतुर्वेदी