मध्य प्रदेश चुनाव: ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनौती देने आ रहीं हैं प्रियंका गांधी! जानिए ग्वालियर-चंबल का हाल

MP Elections 2023: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रियंका गांधी के दौरे को लेकर कहा कि अतिथि देवो भव:....उन्होंने विपक्ष के ऊपर तंज भी कसा और कहा कि ये विचारधारा की राजनीति है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में प्रियंका गांधी के कंधों पर कांग्रेस की जिम्मेदारी है.

By Amitabh Kumar | July 10, 2023 7:02 AM

मध्यप्रदेश (MP Elections 2023) में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले प्रदेश की राजनीति गरम हो चुकी है. पिछली बार कांग्रेस के लिए वोट मांगने वाले नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सबकी नजर टिकी हुई है. इस बार वे भाजपा के द्वारा किये गये कामों को जनता के बीच लेकर जा रहे हैं और पार्टी के पक्ष मतदान करने की अपील कर रहे हैं.

इस बीच मध्य प्रदेश में कांग्रेस अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है. पार्टी को चुनाव जीताने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी के कंधों पर है और वह महाकौशल के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में ग्वालियर पहुंच रहीं हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका 22 जुलाई को ग्वालियर में बड़ी सभा को संबोधित करेंगी जिसको लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है. प्रियंका गांधी के दौरे को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले दिनों कहा था कि अतिथियों का स्वागत करना ग्वालियर की परंपरा है.

प्रियंका गांधी का फोकस किन सीटों पर

यहां चर्चा कर दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भजापा का दामन थामने के बाद ऐसा पहली बार देखने को मिलेगा, जब कांग्रेस का कोई वरिष्ठ नेता ग्वालियर में जनसभा को संबोधित करेगा. दरअसल, प्रियंका गांधी सबसे पहले मध्य प्रदेश की उन सीटों पर फोकस कर रही हैं जो पहले से ही कांग्रेस की झोली में थी. पार्टी चाहती है कि जो सीट कांग्रेस के पास है, वह हर हाल में इस बार भी उसी के पास रहे. वहीं, जो सीटें भाजपा के खाते में हैं, वह भी कांग्रेस छीनने का प्लान बना रही है.

ग्वालियर-चंबल में की सीटों पर एक नजर

ग्वालियर और चंबल पर नजर डालें तो इस क्षेत्र में 8 जिले हैं. इन जिलों में 34 विधानसभा सीटें हैं. साल 2018 के विधानसभा की बात करें तो इस साल कांग्रेस ने इन 34 में से 26 सीटों पर कब्जा किया था. 7 सीट भाजपा के, जबकि एक बहुजन समाज पार्टी के खाते में गयी थी. वहीं, अकेले चंबल संभाग के 3 जिलों की 13 विधानसभा सीटों में से 10 पर कांग्रेस ने कब्जा किया था.

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यदि आपको याद हो तो मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में 230 सीटों में से 114 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़े दल के रुप में उभरकर सामने आयी. वहीं भाजपा ने 109 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनायी लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार कई विधायकों के भाजपा में चले जाने के बाद कांग्रेस सरकार गिर गयी और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार फिर से बनी.

230 सीटों में से 114 सीटों पर कांग्रेस ने दर्ज की थी जीत

यदि आपको याद हो तो मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में 230 सीटों में से 114 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़े दल के रुप में उभरकर सामने आयी. वहीं भाजपा ने 109 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनायी लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार कई विधायकों के भाजपा में चले जाने के बाद कांग्रेस सरकार गिर गयी और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार फिर से बनी.

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