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पेगासस के जरिये जासूसी मामले पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ”निजता के अधिकार पर हमला कर रही मोदी सरकार”

Pegasus, spying, Priyanka Gandhi Vadra : नयी दिल्ली : इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये प्रमुख लोगों की कथित तौर पर जासूसी कराने के मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है. इस कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार पर हमला बोला है.

By Kaushal Kishor | July 19, 2021 8:35 PM

नयी दिल्ली : इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये प्रमुख लोगों की कथित तौर पर जासूसी कराने के मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है. इस कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार पर हमला बोला है.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा है कि पेगासस के जरिये जासूसी से जुड़े खुलासे बहुत ही घिनौनी कारगुजारियों की तरफ इशारा करते हैं. अगर ये सच है, तो मोदी सरकार संविधान द्वारा देशवासियों को दिये गये निजता के अधिकार पर गंभीर और खतरनाक हमला कर रही है. इससे लोकतंत्र तो नष्ट होगा ही, देशवासियों के निजता के अधिकार को कई स्तर पर नुकसान पहुंचायेगा.

मालूम हो कि इससे पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि ”राहुल गांधी की जासूसी.” साथ ही उन्होंने बीजेपी को भारतीय जासूस पार्टी बताते हुए कहा कि ”गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त करें और प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच करें.” उन्होंने कहा कि ”अब की बार… देशद्रोही-जासूस सरकार.”

वहीं, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि ”बड़ा भाई आपको देख रहा है!” साथ ही कहा कि ”40 पत्रकार, तीन शीर्ष विपक्षी नेता, एक संवैधानिक प्राधिकरण, एक एससी जज, कई व्यवसायी और दो मोदी सरकार के अपने कैबिनेट मंत्रियों की जासूसी की गयी है. सरकार जवाबों से नहीं भाग सकती.”

कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि ”मोदी सरकार इजरायली निगरानी सॉफ्टवेयर ‘पेगासस’ के माध्यम से इस अवैध और असंवैधानिक जासूसी और जासूसी रैकेट की तैनाती और निष्पादक है.” साथ ही कहा कि ”मोदी सरकार जासूसी कर नृशंस काम कर रही है.” उन्होंने कहा कि ”जासूसी करना ये राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ है.”

इधर, पीआईबी फैक्ट चेक ने एनडीटीवी के दावे कि ”आईटी मंत्री ने कहा, ”पेगासस के उपयोग का सुझाव देने का कोई तथ्यात्मक आधार निगरानी नहीं है”, कहा है कि दावा फर्जी है! एनएसओ की प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा, ”यह सुझाव देने के लिए कोई तथ्यात्मक आधार नहीं हो सकता है कि डेटा का उपयोग किसी भी तरह निगरानी के बराबर है.”

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