PFI से जुड़े संगठनों की 68.62 लाख की संपत्ति हुई जब्त, ED ने की कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय ने पीएफआई के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों की करीब 69 लाख रुपये को केंद्रीय एजेंसी ने कुर्क कर लिया है. ये पैसे कुल 33 बैंकों में हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2022 9:17 PM
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नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) ने बुधवार को कहा कि उसने धनशोधन जांच के सिलसिले में इस्लामी संगठन पीएफआई (PFI) और उससे संबद्ध संगठन ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (RIF) की 68.62 लाख रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि कुर्क की है. संघीय जांच एजेंसी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक आदेश जारी किया गया है, जिसके तहत दोनों संगठनों के कुल 33 बैंक खाते कुर्क किये गये हैं.

PFI के 23 और RIF के 10 खाते कुर्क

ईडी ने एक बयान में कहा कि पीएफआई के 23 खाते हैं, जिनमें 59,12,051 रुपये हैं और रिहैब इंडिया फाउंडेशन के 10 खातों में 9,50,030 रुपये हैं. बयान में कहा गया है, ‘इस प्रकार, कुल 68,62,081 रुपये की राशि को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया है.’ इस घटनाक्रम के बाद, पीएफआई ने एक बयान जारी कर कहा, ‘मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यह हमारे संज्ञान में आया है कि ईडी ने पीएफआई के बैंक खातों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है. हम इस रिपोर्ट की समीक्षा कर रहे हैं और कल एक बयान जारी करेंगे.’

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दिल्ली में है पीएफआई का मुख्यालय

इस्लामिक संगठन का गठन वर्ष 2006 में केरल में हुआ था. इसका मुख्यालय दिल्ली में है. एजेंसी ने पीएफआई और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ लखनऊ में एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष दो आरोप पत्र दायर किये हैं. नयी कार्रवाई के बारे में बात करते हुए, ईडी ने कहा कि एक जांच में पाया गया कि पीएफआई और आरएफआई को संदिग्ध स्रोतों से नकदी सहित काफी धन प्राप्त हुआ है.

PFI के खातों में 60 करोड़ रुपये जमा कराये गये

पीएफआई के खातों में 60 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की गयी है, जिसमें वर्ष 2009 से 30 करोड़ रुपये से अधिक की नकद जमा राशि शामिल है. ईडी ने कहा, ‘इसी तरह, वर्ष 2010 से आरआईएफ के खातों में लगभग 58 करोड़ रुपये जमा किये गये हैं.’

पीएफआई पर मनी लाउंडरिंग के आरोप

एजेंसी ने आरोप लगाया कि पीएफआई, अन्य संबद्ध आरोपियों के साथ ‘मिलीभगत’ करके धनशोधन में शामिल है. पीएफआई ने पहले भी कुछ भी गलत काम करने से इंकार किया था और कहा था कि ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियां ​​उन्हें ‘परेशान’ कर रही हैं और संगठन ‘कानूनी और लोकतांत्रिक तरीकों से इन आरोपों का मुकाबला करेगा.’

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